Move to Jagran APP

प्रदेश के सबसे बड़े अस्‍पताल में अब प्रवेश नहीं कर पाएगी हर कोई गाड़ी, ऑटोमेटिक बैरियर लगाएगा ब्रेक

Automatic Barrier in IGMC राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में जल्द ही ऑटोमेटिक बैरियर लगाने का काम शुरू होगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 09:59 AM (IST)
प्रदेश के सबसे बड़े अस्‍पताल में अब प्रवेश नहीं कर पाएगी हर कोई गाड़ी, ऑटोमेटिक बैरियर लगाएगा ब्रेक
प्रदेश के सबसे बड़े अस्‍पताल में अब प्रवेश नहीं कर पाएगी हर कोई गाड़ी, ऑटोमेटिक बैरियर लगाएगा ब्रेक

शिमला, जागरण संवाददाता। राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में जल्द ही ऑटोमेटिक बैरियर लगाने का काम शुरू होगा। अस्पताल के डी ब्लॉक के नीचे पहुंचने वाली गाडिय़ों के लिए ऑटोमेटिक बैरियर लगाए जाने की योजना है। इससे डॉक्टरों और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। केवल वही गाडिय़ां अस्पताल परिसर में जा सकेंगी जिनमें विशेष प्रकार का टैग लगा हुआ होगा। बैरियर टैग को स्कैन करेगा जिससे उस वाहन को अंदर भेजने की अनुमति मिलेगी। जिन वाहनों में टैग नहीं होगा उन वाहनों को वापस जाना पड़ेगा।

loksabha election banner

यह बैरियर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन कक्ष तक पहुंचाने वाली निचली सड़क के बाहर मंनचंदा शॉप के पास लगाया जाना है। इसके लिए लाखों रुपये का बजट प्रस्तावित है। हालांकि मौजूदा समय में अन्य वाहनों को रोकने के लिए लोहे की चेन लगाई गई है। मौजूदा समय में डी-ब्लॉक के बाहर डॉक्टरों और कर्मचारियों के करीब 30 वाहन पार्क होते हैं।

आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज का कहना है कि मौजूदा समय में अस्पताल के मेन गेट के बाहर रेन शैल्टर बनाया जा रहा है। रेन शैल्टर को अंतिम रूप देते ही अस्पताल के बाहर ऑटोमेटिक बैरियर लगाने का प्रावधान है। केवल वही गाडिय़ां अंदर प्रवेश कर पाएंगी जिनमें टैग लगे होंगे।

इसलिए पड़ी बैरियर लगाने की जरूरत

मनचंदा से लेकर आइजीएमसी के डी-ब्लॉक तक डॉक्टरों और कर्मचारियों के अलावा आसपास रहने वाले लोगों की करीब 35 गाडिय़ां सड़क के दोनों ओर खड़ी रहती हैं। प्रशासन के बार-बार मना करने के बावजूद लोग गाडिय़ां नहीं हटाते। इससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों को एक्स-रे व अल्टासाउंड कक्ष तक पहुंचने में परेशानी होती है। इन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए ऑटोमेटिक बैरियर लगाने की जरूरत पड़ी है।

आइजीएमसी में ऑडिट पर पहुंची टीम

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में शनिवार को भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग प्रधान महालेखाकार हिमाचल प्रदेश शिमला की टीम ऑडिट के लिए पहुंची। ऑडिट टीम के आने से अस्पताल में हड़कंप मच गया। टीम ने अस्पताल के सालभर के कार्यकलापों की समीक्षा की। ऑडिट टीम में तीन अधिकारी थे। अधिकारियों ने एमएस ऑफिस का भी ऑडिट किया। इस दौरान अस्पताल में उपलब्ध दवाओं और अन्य सामान की भी जांच की गई। अस्पताल में एक साल के भीतर करीब आठ करोड़ की दवाओं की खरीद की गई है। साथ ही हर प्रकार की सर्जरी के लिए प्रयोग किया जाने वाले सामान के लिए दो करोड़ का खर्च किया गया है। अस्पताल के एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि ऑडिट के दौरान टीम ने किसी प्रकार की अनियमितताएं नहीं पाईं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.