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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अब मूर्ति पर राजनीति

शहर में पहली बार मूर्तियों और चौक का नाम रखने पर राजनीति की जंग तेज हुई है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया वर्चस्व की जंग सदियों से चली है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 08:42 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:22 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अब मूर्ति पर राजनीति
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अब मूर्ति पर राजनीति

गतिरोध

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समरहिल चौक पर मूर्ति और नाम रखने पर एबीवीपी व एसएफआइ में टकराव

स्वामी विवेकानंद की मूर्ति चाहती है एबीवीपी, वामपंथी भगत सिंह की मूर्ति पर अड़े जागरण संवाददाता, शिमला : शहर में पहली बार मूर्ति स्थापित करने और चौक का नाम रखने पर छात्र संगठनों में टकराव पैदा हो गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एबीवीपी और एसएफआइ में वर्चस्व की जंग सदियों से चल रही है। छात्र संघ चुनाव बंद होने के बाद विवि में हिसा कम हुई लेकिन खत्म नहीं हुई है। अब मूर्ति और चौक का नामकरण करने पर उनमें जंग शुरू हो गई है।

एबीवीपी समरहिल चौक पर स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगवाना चाहती है। साथ ही इस चौक का नाम भी उनके नाम पर रखने की मांग कर रही है। वहीं वामपंथी शहीद भगत सिंह के नाम पर चौक बनाने और मूर्ति भी उनकी स्थापित करने की मांग पर अड़े हैं। नगर निगम ने मूर्तियां लगाने के लिए दो प्रस्ताव पास कर रखे हैं। पहले 2015 में यहां भगत सिंह की मूर्ति लगाने और बाद में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगाने का प्रस्ताव पास किया गया है। ऐसे में छात्र संगठन भी सच्चे हैं, क्योंकि नगर निगम ने फैसला ले रखा है। छात्र रोज मूर्ति स्थापित करने की मांग लेकर मेयर के ऑफिस पहुंच जाते हैं। मेयर ने डिप्टी मेयर के साथ मौके का दौरा भी किया। अब चौक पर दो मूर्तियां लगाने की मांग भी उठने लगी है।

नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल भी इस पर सहमत हैं, लेकिन भाजपा व एबीवीपी से लेकर अन्य अग्रणी दल इस पर हां करते हैं या नहीं इस पर सभी की नजर रहेगी। कौंडल का दावा है कि दोनों छात्र संगठन मान जाएंगे। चौक पर दोनों महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित होंगी। इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेजा जाना है। निगम अपने स्तर पर इसका फैसला नहीं ले सकता है। ---------

नगर निगम के सदन में प्रस्ताव पारित किया था। इसलिए समरहिल चौक पर स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगे और उनके नाम से ही नामकरण हो। दोनों मूर्तियां एक स्थान पर लगाने का औचित्य नहीं है। नगर निगम ने जो फैसला लिया है, उसे लागू किया जाए। एबीवीपी सभी महापुरुपों का पूरा सम्मान करती है।

अंकित चंदेल, एबीवीपी परिसर सचिव

समरहिल चौक पर पहले शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने का फैसला हुआ था। इसे लागू करते हुए निगम प्रशासन को मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। देश के सभी महापुरुष सम्माननीय हैं। लेकिन जो फैसला पहले हुआ है उसे ही लागू करना चाहिए।

गौरव नाथन, परिसर अध्यक्ष, एसएफआइ।


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