अधिवक्ता सुनीता शर्मा होंगी राज्य उपभोक्ता आयोग की सदस्य
प्रदेश हाईकोर्ट की अधिवक्ता सुनीता शर्मा राज्य उपभोक्ता आयोग की नए सदस्य होंगी
विधि संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट की अधिवक्ता सुनीता शर्मा राज्य उपभोक्ता आयोग की नए सदस्य होंगी। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर व न्यायाधीश वाइवी चंद्रचूड़ की पीठ ने प्रदेश उच्च न्यायालय के पारित फैसले पर मुहर लगा दी है। हाईकोर्ट ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा को एक माह के भीतर राज्य उपभोक्ता आयोग का सदस्य नियुक्त करने के आदेश पारित किए थे। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने सुनीता शर्मा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया था। साथ ही हाईकोर्ट ने मीना वर्मा की नियुक्ति को कानून के विपरीत पाते हुए रद कर दिया था। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार महिला सदस्य पद के लिए राज्य उपभोक्ता आयोग ने जुलाई 2016 में साक्षात्कार लिए थे। चयन कमेटी के तैयार पैनल के मुताबिक सुनीता शर्मा का नाम मीना वर्मा के ऊपर दर्शाया था। मगर राज्य सरकार ने मीना वर्मा को सदस्य के पद पर नियुक्ति देने का आदेश दे दिया। दोनों उम्मीदवारों के साक्षात्कार में 11-11 अंक थे।
सुनीता शर्मा ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि कानून के नजरिए से मीना की नियुक्ति सही नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कई मामलों में पारित फैसलों के मुताबिक अंक बराबर होने की स्थिति में अधिक आयु वाले को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा वह 1992 से हाईकोर्ट के समक्ष, प्रशासनिक प्राधिकरण के समक्ष, राज्य उपभोक्ता आयोग व अर्द्ध न्यायिक प्राधिकरण के समक्ष वकालत कर रही हैं। राज्य सरकार की ओर से न्यायालय के समक्ष मीना वर्मा की ओर से दी दलीलों में कोई ठोस कारण न पाते हुए उनकी नियुक्ति को रद कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित फैसले को हर दृष्टिकोण से सही पाते हुए मीना वर्मा की याचिका को रद कर दिया।