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रिपन अस्पताल में नहीं मिल रहे एंटी रैबीज इंजेक्शन

रिपन अस्पताल में एंटी रैबीज के इंजेक्शन खत्म होने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 03:07 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 03:07 PM (IST)
रिपन अस्पताल में नहीं मिल रहे एंटी रैबीज इंजेक्शन
रिपन अस्पताल में नहीं मिल रहे एंटी रैबीज इंजेक्शन

- 20 लोग रोजाना कुत्ते व बंदर के काटने के पहुंचते है अस्पताल, गर्मियों में बढ़ जाता है आंकड़ा

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- 01 इंजेक्शन की कीमत है 350 से 400 रुपये, हर मरीज को लगवाने पड़ते हैं पांच इंजेक्शन

जागरण संवाददाता, शिमला : रिपन अस्पताल में कुत्ते और बंदर के काटे लोगों को एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। इसका कारण यहां पर इंजेक्शन के स्टॉक का खत्म होना है। इससे यहां पहुंच रहे लोगों को मायूसी ही हाथ लग रही है और वे मेडिकल स्टोर से खरीद कर इंजेक्शन लगवा रहे हैं। ऐसे में वे दो हजार रुपये खर्च कर इंजेक्शन लगवा रहे हैं।

रिपन अस्पताल में जिलाभर से मरीज पहुंचते हैं। कुत्ते व बंदर के काटने पर एंटी रैबीज के पांच इंजेक्शन लगते हैं। एक की कीमत 350 से 400 रुपये होती है। ऐसे में हर मरीज को पांच इंजेक्शन खरीद कर लगवाने पड़ रहे हैं। राजधानी में रोजाना करीब 20 लोग कुत्ते व बंदर के काटने के पहुंचते हैं। गर्मियों में ये आंकड़ा बढ़ जाता है। बंदर, कुत्ते या किसी अन्य जानवर के काटने पर एंटी रैबीज लगाना अनिवार्य है। मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में इसका काउंटर भी अलग लगवाया है। वहां पहुंचते ही मरीज को इंजेक्शन खत्म होने की बात कही जाती है। इसके बाद मरीज खुद इंजेक्शन खरीदने का काम शरू करता है। जिलाभर से रिपन पहुंचते हैं मरीज

रिपन अस्पताल में जिलाभर से इलाज करवाने मरीज पहुंचते हैं, इतना ही नहीं साथ लगते सोलन जिला के भी आधे से अधिक क्षेत्र के लोग इसी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन यहां पर अव्यवस्था के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है। न तो सरकार इस पर ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन। इसका खामियाजा लोगों को निजी क्लीनिकों में भारी-भरकम राशि अदा कर भुगतना पड़ रहा है। छह माह से अस्पताल प्रबंधन कर रहा है ऑर्डर

अस्पताल प्रबंधन द्वारा छह माह से इसका ऑर्डर किया जा रहा है, लेकिन कंपनी द्वारा वैक्सीन नहीं भेजी गई है। अब सवाल यह है कि छह माह पूर्व किए गए ऑर्डर का प्रशासन ने फॉलोअप क्यों नहीं किया। दवा के खत्म होने का इंतजार क्यों किया गया। एक सप्ताह से अस्पताल में इंजेक्शन नहीं हैं। इसके लिए प्रशासन ने भी कोई कदम नहीं उठाया है। अस्पताल की डिस्पेंसरी में इंजेक्शन लाने के लिए मरीज को ही कहा जाता है। मजबूरी में मरीज को भी दो हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो गया है। ऑर्डर कर दिया है जल्द ही इंजेक्शन अस्पताल में पहुंच जाएंगे। मरीजों को परेशानी न हो, इसका शीघ्र समाधान किया जाएगा।

डॉ. लोकेंद्र शर्मा, एमएस रिपन अस्पताल।


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