कांग्रेस में बागियों की वापसी का विरोध
कांग्रेस में बागियों की वापसी को लेकर कांग्रेस में विद्रोह फूट गया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : कांग्रेस में बागियों की वापसी पर पार्टी में विरोध शुरू हो गया है। इस संबंध में शिकायतें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल के पास पहुंच रही हैं। नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं कि जनाधार वाले नेताओं, जिन्होंने दो से 10 हजार तक वोट लिए, को बाहर रखा गया है। वहीं मात्र 500 से 700 वोट हासिल करने वालों का वनवास खत्म कर पार्टी में वापसी की अनुमति दी गई है।
बताया जा रहा है कि वर्तमान व पूर्व विधायकों ने जिलास्तर पर बैठकें बुला ली हैं। इनमें प्रस्ताव तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जाएगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की गठित उच्च अधिकार समीति में विद्या स्टोक्स और जीएस बाली को बागियों के नाम पर चर्चा और वापसी का जिम्मा सौंपा था। गुरकिरत ¨सह कोटली की अध्यक्षता में पार्टी से बाहर किए नेताओं की वापसी का निर्णय लिया गया।
74 नेताओं के नाम पर चर्चा, 47 की वापसी
कांग्रेस से निकाले गए 74 नेताओं के नाम पर कमेटी ने चर्चा की और 47 की घर वापसी का रास्ता साफ किया। इंटक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बावा हरदीप ¨सह सहित द्रंग से पूर्ण चंद ठाकुर, नालागढ़ से ¨प्रस शर्मा और उजागर ¨सह को कांग्रेस में लेने से इन्कार कर दिया। वहीं 23 नाम ऐसे हैं जिन्हें मंजूरी प्रदान न कर पेंडिंग में डाला गया। ऐसे बागियों में वीरभद्र समर्थकों की संख्या ज्यादा है।
इन नामों पर अभी नहीं बनी सहमति
शिमला शहरी से हरीश जनार्था, रामपुर से ¨सघी राम, लाहुल स्पीति से रा¨जद्र करपा, आनी से उपेंद्र कांत मिश्रा, ठियोग से अतुल शर्मा, मंडी से योग राज ठाकुर, अर्जुन कौंडल, अनिल शर्मा, जगदीश वर्मा, अर्चना धीमान, अनिता ठाकुर, मीनू चौहान, हरजीत ¨सह, अतुल गौतम, नालागढ़ से महेश गौतम, सोलन से राज रानी, करसोग से शीला ठाकुर, मंडी से रामेश्वर राम, बिलासपुर से सतपाल शर्मा, घुमारवीं से सुभाष ठाकुर, मंडी से दिलेराम ठाकुर, लाहुल स्पीति से दीपक ठाकुर के नाम पर अभी सहमति नहीं बनी है।