15 दिन बाद पानी मिलने से नाराज लोगों ने एनएच पर किया चक्काजाम
कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के तहत भेखलटी कैंथसेर कंडीसेर पचनी में 15 दिन बाद पानी के विरोध में लोगों ने एनएच जाम कर दिया।
संवाद सूत्र, ठियोग : कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के तहत भेखलटी, कैंथसेर, कंडीसेर, पचनी, रेवग, टीर और आसपास के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या से परेशान लोगों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच पर चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों ने भेखलटी गांव के थरमटी में बने गिरि खड्ड शिमला पेयजल योजना के भंडारण टैंक से आसपास के गांवों को प्रतिदिन पानी देने की मांग की। इस मौके पर ठियोग के माकपा विधायक राकेश सिघा, कसुम्पटी के माकपा नेता कुलदीप तनवर, किसान सभा ठियोग के अध्यक्ष सुरेश वर्मा सहित कई लोग मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई गावों में 10 से 15 दिन बाद पानी मिलता है। पानी की कमी के कारण मजबूरी में पानी खरीदना पड़ रहा है। हालांकि ठियोग क्षेत्र भी पेयजल समस्या से जूझ रहा है लेकिन कई पंचायतें ऐसी हैं जहां ग्रामीण कई वर्षो से नियमित पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रतिदिन तीन लाख लीटर पानी की आपूर्ति करे विभाग
लोगों ने गिरि खड्ड से शिमला के लिए बनी योजना के भेखलटी के समीप बने भंडारण टैंक से प्रतिदिन तीन लाख लीटर पानी आसपास के गांवों को देने की मांग की। लोगों ने बताया कि इस प्रस्ताव पर निर्णय हो चुका था और टैंक बनाने के टेंडर भी हो चुके थे लेकिन ऐन मौके पर सरकार ने इसे रोक दिया जबकि भंडारण टैंक से एक निजी होटल बना रहे व्यक्ति को कनेक्शन दे दिया। महिलाओं ने तीसरे दिन की पानी की मांग
धरने पर बैठी महिलाओं ने बताया कि मझार खड्ड से भेखलटी गांव के लिए 2010 में धूमल सरकार के समय उठाऊ पेयजल योजना बनी थी लेकिन एक साल बाद इस योजना में दर्जनों गांव जुड़ने के बाद उन्हें 10 से 15 दिन बाद पानी पिछले दस साल से मिल रहा है। रेवग गांव के लोगों ने बताया कि कई बार तो उन्हें एक महीने बाद भी पानी नहीं मिलता। कार्यालय गांव के लोगों की भी यही समस्या है। महिलाओं ने मांग की कि उन्हें कम से कम तीसरे दिन पानी मिलना चाहिए। एसडीएम के साथ बैठक का आश्वासन मिलने पर खुला जाम
लंबे समय से चली आ रही पीने के पानी की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर प्रदर्शन किया। इससे सड़क के दोनों ओर घंटों लंबा जाम लगा रहा। बाद में ठियोग के एसडीएम सौरव जस्सल के मौके पर पहुंचने और शाम पांच बजे बैठक के लिए बुलाने के बाद लोग सड़क से हटने पर राजी हुए। सरकार मुख्य सड़कों के आसपास के गांवों को भी नियमित पानी नहीं दे पा रही है तो दूरदराज के गांवों की हालत का अंदाजा लग सकता है। अपने अधिकारों के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार आम जनता की मूलभूत समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही है।
- राकेश सिघा, विधायक ठियोग।