जिंदान की हत्या के तीनों आरोपितों ने जुर्म कबूला
आरटीआइ कार्यकर्ता और वकील केदार सिंह जिंदान हत्याकांड के तीनों आरोपितों ने जुर्म कबूल कर लिया है।
शिमला, अजय बन्याल। आरटीआइ कार्यकर्ता और वकील केदार सिंह जिंदान हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपितों ने जुर्म कबूल कर लिया है। वारदात के मुख्य आरोपित जय प्रकाश ने पुलिस को बताया कि जिंदान को मारने की सुनियोजित योजना नहीं थी। जिंदान काफी समय से एससी/एसटी एक्ट के माध्यम से झूठी शिकायतें कर तंग कर रहे थे।
जय प्रकाश ने कहा कि उसने जिंदान को कई बार समझाया मगर वह नहीं सुनते थे। सात सितंबर को जिंदान भकरास पहुंचे तो वह भी वहीं था। मैंने उसे बातचीत करने के लिए सड़क पर बुलाया और कहा कि झूठे मुकदमे क्यों बना रहे हो। अगर कोई गलत है तो उसके खिलाफ शिकायत करो। जिंदान बात सुनने को तैयार नहीं थे और कहा कि वह ऐसा हश्र कर देंगे कि उनसे भीख मंगवाएंगे। इस बात पर कहासुनी हुई और बात बढ़ गई। बकौल जय प्रकाश, मैंने गुस्से में ये सब किया। मै जिंदान से तंग आ चुका था। स्कॉर्पियो गाड़ी मेरी ही थी और मैंने ही गाड़ी चलाई थी। दो अन्य आरोपितों गोपाल व कर्म सिंह ने भी जुर्म पुलिस के सामने कबूल कर लिया है।
हालांकि मामले की गुत्थी सुलझ चुकी है लेकिन अभी तक फॉरेंसिंक लैब से रिपोर्ट नहीं पहुंची है। नहीं मिली फोन कॉल डिटेल पुलिस केदार सिंह जिंदान व आरोपितों की फोन कॉल डिटेल अब तक नहीं खंगाल पाई है। पुलिस को अभी यह डिटेल नहीं मिली है। हैरानी है कि पुलिस फोन कॉल डिटेल वारदात के पांच दिन बाद भी हासिल नहीं कर पाई है जो ऐसे मामलों की गुत्थी सुलझाने में कारगार साबित होती है। मारपीट के बाद गाड़ी से कुचला सिरमौर जिला के शिलाई क्षेत्र से संबंध रखने वाले केदार सिंह जिंदान सात सितंबर को बकरास में सरकारी कार्यालय में गए थे। वहां उनकी उपप्रधान जय प्रकाश के साथ कहासुनी व फिर हाथापाई हुई। बाद में गाड़ी के नीचे कुचल कर उनकी हत्या कर दी गई। लोगों की मांग पर पोस्टमार्टम सिरमौर जिला में नहीं बल्कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला में हुआ। पुलिस ने सात सितंबर को देर रात आरोपित जय प्रकाश व गोपाल को गिरफ्तार कर लिया। तीसरे आरोपित कर्म सिंह उर्फ काकू को 11 सितंबर को राजगढ़ से गिरफ्तार किया गया था।
तीनों आरोपित 17 तक रिमांड पर
तीनों आरोपितों ने जुर्म कबूल कर लिया है। जय प्रकाश ने कबूला है कि सारी वारदात को उसने अंजाम दिया है। जिंदान झूठे केस बनाकर जय प्रकाश को तंग करता था। इसी कारण उसने परेशान होकर गुस्से में कदम उठाया। तीनों आरोपित 17 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर हैं। जांच पूरी की जा रही है।
वीरेंद्र ठाकुर, एडिशनल एसपी, सिरमौर