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World blood donor day 2019: एक करे रक्तदान, चार को मिले जीवनदान

world blood donor day 2019 एक व्यक्ति के एक यूनिट खून से चार लोगों को जीवनदान मिल सकता है। एक यूनिट रक्त में प्लाजमा प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसिपिटेट तत्व पाए जाते हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 01:08 PM (IST)
World blood donor day 2019:  एक करे रक्तदान, चार को मिले जीवनदान
World blood donor day 2019: एक करे रक्तदान, चार को मिले जीवनदान

शिमला, रविंद्र शर्मा। World blood donor day 2019 एक व्यक्ति यदि रक्तदान करता है तो उसके एक यूनिट खून से चार लोगों को जीवनदान मिल सकता है। हिमाचल के अस्पतालों में रोजाना हजारों मरीज ऐसे आते हैं जिन्हें पूरा रक्त नहीं बल्कि उसके एक तत्व की जरूरत होती है। एक यूनिट रक्त में प्लाजमा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसिपिटेट तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इन तीनों तत्वों युक्त रक्त भी इस्तेमाल होता है। इन्हें अलग-अलग कर चार जरूरतमंद मरीजों को चढ़ाया जाता है।

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प्रदेश में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज और जोनल अस्पताल मंडी में कंपोनेंट सेपरेटर मशीनें लगी हैं जहां रक्त के तीनों तत्वों को अलग कर दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति किसी शिविर या निकटवर्ती अस्पताल में रक्तदान कर सकते हैं। अस्पतालों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। पुरुष तीन महीने और महिला चार महीने के बाद दोबारा रक्तदान कर सकती है।

प्रदेश में हर साल 45 हजार यूनिट रक्त औसतन एकत्रित किया जाता है। यह रक्त अधिकतर डोनर द्वारा दिया जाता है। कुछ रक्त मरीजों के तीमारदारों या अन्य लोगों से रिपलेसमेंट के आधार पर मिलता है। वहीं, टीकाकरण करवाने के तीन माह के अंदर रक्तदान नहीं किया जा सकता है।

रक्तदान के बाद बरतें सावधानी

  • थोड़ी देर लेटे रहें
  • चाय पीयें, बिस्किट खाएं
  • ज्यादा से ज्यादा पानी, जूस पीयें
  • रक्तदान के तुरंत बाद गाड़ी न चलाए

स्‍वास्थ्य पर नहीं कोई असर

रक्तदान करने से किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर विपरीत असर नहीं पड़ता है। रक्तदान खुशी व संतुष्टि देने के साथ शरीर को चुस्त दुरुस्त भी रखता है। रक्तदान के समय शरीर से मात्र 350 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है। इतना कम रक्त निकाले जाने से कमजोरी नहीं होती है। रक्तदान के 24 से 48 घंटे के भीतर रक्त के तरल तत्व दोबारा तैयार हो जाते हैं। छह से सात दिनों के भीतर प्लाजमा, प्लेटलेट्स और  क्रायोप्रेसिपिटेट बन जाते हैं। 

-डॉ. एस मल्होत्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, ब्लड बैंक आइजीएमसी, शिमला

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