शिक्षा का अधिकार 5304 बच्चों के लिए निराधार
बच्चों को अधिकार देने के कई दावे किए जाते हैं। लेकिन ये दावे हकीकत में सच नहीं हो रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : बच्चों को अधिकार देने के कई दावे किए जाते हैं। लेकिन ये दावे हकीकत में सच होते नहीं दिखते हैं। हिमाचल प्रदेश में स्कूलों को स्मार्ट बनाने की कवायद चल रही है। वहीं, प्रदेश में इस साल 5304 बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। ये बच्चे सरकारी स्कूलों तक नहीं पहुंच पाए हैं। समग्र शिक्षा अभियान के निदेशालय द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए किए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
स्कूल न जा पाने वालों में से अधिकतर बच्चे औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों व अन्य राज्यों के मजदूरों के हैं। इन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं मिला है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने गरीब बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इसके बावजूद हिमाचल में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या हर साल औसतन पांच हजार रहती है। वर्ष 2017-18 में हुए सर्वे के दौरान 6350 बच्चे शिक्षा से वंचित थे। इनमें से 60 फीसद बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलवाया गया था। प्रदेश में शिक्षा से वंचित रहने वाले बच्चों के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत नॉन रेजिडेंशियल स्कूल (एनआरएस) और रेजिडेंशियल स्कूल (आरएस) खोले जाते हैं। प्रदेश में कोई आरएस नहीं है। प्रदेश सरकार ने 144 एनआरएस खोले हैं। शिक्षा से वंचित बच्चों को इन स्कूलों में शिक्षा दी जाती है। बाद में इन्हें निकटवर्ती स्कूल में दाखिला दिलवाया जाता है। बच्चों को स्कूल भेजने के इच्छुक नहीं अभिभावक
सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार अन्य राज्यों के बच्चों के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने के इच्छुक नजर नहीं आते हैं। यही कारण है कि बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे हैं। अन्य राज्यों के मजदूर प्रदेश में कुछ महीने के लिए आते हैं। इसके बाद वे अन्य राज्य का रुख कर लेते हैं। ऐसे में सरकारी स्कूल में दाखिल करवाए गए बच्चे भी स्कूल छोड़कर माता पिता के साथ अन्य राज्य चले जाते हैं। कितने बच्चे शिक्षा से वंचित
जिला,बच्चे
सोलन,1437
ऊना,1209
चंबा,735
सिरमौर,498
कांगड़ा,396
कुल्लू,220
मंडी,206
शिमला,185
बिलासपुर,150
हमीरपुर,149
लाहुल स्पीति,100
किन्नौर,19
हर साल सर्वे करवाया जाता है। शिक्षा से वंचित रहने वाले बच्चों को एनआरएस में पढ़ाकर मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाता है।
आशीष कोहली, परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान