51 दिनों में गिरे 34 हिमखंड
प्रदेश में इस साल के दो महीनों के दौरान प्रदेश के अलग अलग स्थानों पर 34 हिमखंड गिरे हैं। हालांकि इसमें दब कर किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। जबिक हिमखंडों की चपेट में आने से घरों को नुकसान पहुंचा है और पशुओं की दबने से मौत हुई है। राज्य आपतकालीन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस साल 34 हिमखंड गिरे हैं। इनमें किसी व्यक्ति के दबने से मौत की कोई सूचना नहीं हैं। प्रदेश के तीन जिलों में 34 हिमखंड गिरे हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में इस साल अब तक 51 दिनों में 34 हिमखंड गिरे हैं। इनमें दबने से सेना के एक जवान की मौत के अलावा कई घरों को नुकसान पहुंचा है। हिमखंडों में दबने की वजह से कई पशु भी मारे गए हैं।
राज्य आपतकालीन केंद्र शिमला के अनुसार चंबा जिला में तीन, किन्नौर में तीन और लाहुल स्पीति जिले में 28 हिमखंड गिरे हैं। सरकार ने प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए प्रदेश सचिवालय शिमला में राज्य आपतकालीन केंद्र स्थापित किया है। इस केंद्र में लोग टोल फ्री नंबर 1070 पर फोन कर आपदा की सूचना देकर मदद मांग सकते हैं। मौसम विभाग ने भी इन दिनों हिमखंड गिरने की आशंका जताई है। इस संबंध में प्रदेश में एडवाइजरी जारी की गई है। कब गिरे हिमखंड
दो फरवरी : लाहुल स्पीति के दलंग में हिमखंड गिरा। आर्मी ट्रांसिस्ट कैंप के दो भवनों को नुकसान।
छह फरवरी : पांगी में गिरे हिमखंड, 15 घर व 77 पशु दबे।
सात फरवरी : चंबा में हिमखंड गिरा, लोक निर्माण विभाग के छह टिप्पर, पांच एयर कंप्रेशर, दो स्टोर व टैंक दबे।
15 फरवरी : लाहुल के सुराल गांव में हिमखंड गिरा। एक मकान को नुकसान। तिंदी में हिमखंड से शराब का ठेका, लेबर शेड व दो मकानों को नुकसान। 1979 में हिमखंड ने लाहुल में मचाई थी तबाही
लाहुल स्पीति में हिमखंड गिरने से फरवरी व मार्च में अधिक नुकसान हुआ है। तीन मार्च 1979 को लाहुल घाटी के कई स्थानों में हिमखंड गिरे थे। गाडंग व हडूक गाव के सभी ग्रामीण हिमखंड की चपेट में आए थे। उस दौरान पूरा गाव तबाह हो गया था। उसी दिन गाढ़ग, युरनाथ, वारी, झोलिंग, हडूक आढ़त सहित 12 गावों में हिमखंड गिरने से जानमाल को भारी नुकसान हुआ था। कुकुमसेरी में 10 मार्च1983 को हिमखंड गिरा था। मनाली रोहताग मार्ग पर हिमखंड गिरने का खतरा
मनाली रोहताग मार्ग पर नेहरूकुंड,, कैंची मोड़, कोठी नाला, राहलाफाल, चुंबक मोड़, ब्यासनाला व राहनीनाला में ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं जहां हिमखंड गिरने का खतरा बना रहता है। रोहताग सुरंग की ओर आखिरीनाला व फिनरीनाला में भी हिमखंड गिरने का खतरा होता है।