दो माह से सड़क किनारे खड़ी एचआरटीसी की 322 बसें
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की 322 बसें दो माह से सड़कों के किनारे खड़ी हैं
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की 322 बसें दो माह से सड़कों के किनारे खड़ी हैं। इनमें अधिकांश जवाहर लाल नेहरू
शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत खरीदी गई हैं। तकनीकी दावपेंचों के कारण ये बसें सड़कों पर दौड़ नहीं पा रही हैं। इससे एचआरटीसी को अब तक करीब नौ करोड़ की चपत लग चुकी है।
एचआरटीसी ने राज्य सरकार के माध्यम से इसे केंद्रीय निर्वाचन आयोग के समक्ष भी उठाया, लेकिन अभी तक आयोग से भी बसें चलाने की इजाजत नहीं मिल पाई है। ऐसा नहीं है कि ये बसें पहले नहीं दौड़ी। खूब दौड़ी, कमाई भी की, लेकिन निजी बस मालिक हाईकोर्ट चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी बसें बिना परमिट के ही चल रही हैं। इसके बाद कोर्ट ने कानूनी परमिट लेने के निर्देश दिए। एचआरटीसी ने नियमों के तहत 322 बस रूटों को 11 अक्टूबर को अधिसूचित किया, लेकिन अगले दिन विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। इससे परमिट लेने का मामला खटाई में पड़ गया। इसे देखते हुए निगम ने राज्य निर्वाचन विभाग से मामला उठाया। लेकिन विभाग ने इस फाइल को वापस लौटा दी। कहा गया कि इसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी के माध्यम से भेजा जाए। फिर इस चैनल को अपनाया गया। इसमें आयोग ने एक साल के लिए अस्थायी रूट परमिट जारी करने की अनुमति मांगी गई थी। अब चुनाव आचार परिणाम घोषित करने की तारीख भी नजदीक आ रही है। 18 दिसंबर को चुनाव नतीजे आ जाएंगे। इसके बाद यह मामला नई सरकार के पाले में जाएगा।