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जनजातीय क्षेत्रों में मिट्टी के तेल की किल्लत

राज्य ब्यूरो, शिमला : बर्फबारी से प्रभावित प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की समस्या मिट्टी

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 05:33 PM (IST)
जनजातीय क्षेत्रों में मिट्टी के तेल की किल्लत
जनजातीय क्षेत्रों में मिट्टी के तेल की किल्लत

राज्य ब्यूरो, शिमला : बर्फबारी से प्रभावित प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की समस्या मिट्टी के तेल की किल्लत ने और बढ़ा दी है। किन्नौर में मिट्टी के तेल की कमी हो गई है। अधिकारियों से जल्द इस समस्या को दूर करने की मांग की गई है। किन्नौर में सर्दियों में वहां के लोगों का एकमात्र विकल्प मिट्टी का तेल ही है, ऐसे में मिट्टी का तेल न मिलने से परेशानियां बढ़ना स्वभाविक है।

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जनजातीय क्षेत्र किन्नौर व लाहुल स्पीति में भारी बर्फबारी और ठंड के कारण वहां पर मिट्टी के तेल का कोटा अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा दिया जाता है। इसी तरह अन्य जनजातीय क्षेत्रों के मिट्टी के तेल के कोटे को भी बढ़ाया गया है। कोटा तो अवश्य बढ़ाया गया है, लेकिन सप्लाई पूरी न होने के कारण ठंड में ठिठुरने को लोगों को मजबूर होना पड़ रहा है। बिजली की आपूर्ति न होने की स्थिति में वहां के लोगों की हालत और भी खराब होती है।

उधर, मौसम विभाग ने आगामी तीन दिन तक भारी बर्फबारी की संभावना जताई है। ऐसे में वहां के लोगों की और दिक्कतें और बढ़ने वाली है। यही कारण है कि मिट्टी की तेल की सप्लाई की मांग की गई है।

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छह माह का कोटा रखने के दिए थे निर्देश

मुख्यसचिव वीसी फारका ने स्नो मैनुअल के आधार पर प्रबंधों की समीक्षा की थी। इस दौरान अधिकारियों को जनजातीय क्षेत्रों में छह माह का राशन और तेल गैस आदि को कोटा रखने के निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के बाद तेल की कमी देखने को मिल रही है और तेल के कोटे की आपूर्ति की मांग उठाई गई है।

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किन्नौर के लिए मिट्टी के तेल का ट्रक भिजवा दिया है। लोगों को एक-दो दिनों में मिट्टी का तेल उपलब्ध हो जाएगा। मिट्टी के तेल का अतिरिक्त कोटा भिजवाया जा रहा है।

-सीपी जिश्टू, संयुक्त निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग।


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