शिमला के पुराने बस स्टैंड पर पड़े गड्ढे
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश की राजधानी का पुराना बस स्टैंड प्रशासन व सरकार की अनदेखी का शिकार हो
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश की राजधानी का पुराना बस स्टैंड प्रशासन व सरकार की अनदेखी का शिकार हो रहा है। बस स्टैंड में बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं, जिस कारण चालकों को यहां पर बस ले जाना ही मुश्किल हो गया है। वहीं, दूसरी ओर यात्रियों को भी गड्ढे होने के कारण मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। ऐसा नहीं है कि शिमला के बस अड्डे की मरम्मत न हुई हो। छह माह पहले ही बस अड्डे की मरम्मत की गई थी, लेकिन छह माह में ही स्थिति जस की तस हो गई है। गंदगी के कारण आने जाने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां गंदगी से नालियां भरी पड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर फुटपाथ पर तहबाजारियों के बैठे होने से लोगों को चलने लायक जगह भी नहीं है। अड्डे में पसरी गंदगी के कारण बदबू भरे माहौल में अपने गंतव्य पर जाने के लिए बसों का इंतजार करना पड़ता है। ऐतिहासिक शहर होने के साथ साथ पर्यटन स्थल शिमला में दूर दराज से पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन बस अड्डे में उनका स्वागत गंदगी से होता है। बस अड्डे के साथ ही पैदल चलने के लिए बनाए गए फुटपाथ पर तहबाजारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। ऐसे में लोगों को पैदल चलने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जाम लगने की स्थिति में तो यह और भी खतरनाक हो जाता है। जहां सड़क पर एक ओर गंदगी फैली रहती है, वहीं दूसरी ओर फुटपाथ पर तहबाजारियों के कब्जे होने के कारण लोगों को यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। रात के समय लाइट की व्यवस्था न होने से बस स्टैंड परिसर में अंधेरा छा जाता है, जिसके कारण असामाजिक तत्व अकसर शाम के समय महिला यात्रियों से छींटाकशी करते हैं, जिससे यहां पर परेशानियां दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं, लेकिन लोगों की इस समस्या को दूर करने के लिए न तो बस स्टैंड प्रशासन ने कोई कदम उठाया और न ही जिला प्रशासन व नगर निगम इस अव्यवस्था को सुधारने के लिए आगे आया।
बस स्टैंड परिसर में लोगों की सुविधा के लिए शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन यहां पर महिलाओं से शौच जाने के लिए पांच रुपये वसूले जाते हैं। हालांकि शहर भर के सभी शौचालय में यह सुविधा मुफ्त है, लेकिन बस अड्डे में बने इन शौचालय में मनमर्जी से पैसे वसूले जा रहे हैं।