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अब मनमर्जी से नहीं बेच सकेंगे प्लॉट

राज्य ब्यूरो, शिमला : शिमला शहर हो या फिर मंडी, हमीरपुर। किसान या फिर जमीन मालिक कोई भी व्यक्ति मनमर

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 05:31 PM (IST)
अब मनमर्जी से नहीं बेच सकेंगे प्लॉट
अब मनमर्जी से नहीं बेच सकेंगे प्लॉट

राज्य ब्यूरो, शिमला : शिमला शहर हो या फिर मंडी, हमीरपुर। किसान या फिर जमीन मालिक कोई भी व्यक्ति मनमर्जी से प्लॉट काटकर जमीन नहीं बेच पाएगा। इसी तरह से लोगों को हर सुविधायुक्त फ्लैट बेचने का झांसा देने वाले बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। कारण यह है कि जमीन मालिक बिना रास्तों की सुविधा के जमीन बेचते हैं। उसके बाद लोग रास्तों के लिए झगड़ते हैं। अपने प्लॉट से पानी व सीवरेज लाइन गुजरने नहीं देते। संजौली का सीमेंट्री इसी का एक उदाहरण है। ऐसे ही उपनगर सभी जिला मुख्यालयों में विकसित होने से प्रशासन के लिए समस्या बन गए हैं।

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सरकार ने राज्य में रीयल एस्टेट नियमन एवं विकास अधिनियम-2016 (रेरा) लागू कर दिया है। अब कोई भी भूमि मालिक टुकड़े करके जमीन नहीं बेच सकेगा। यदि उसे जमीन बेचनी होगी तो राज्य नगर नियोजन विभाग की मंजूरी लेनी पडे़गी। मकसद है कि प्लाट व फ्लैट खरीदने वालों को हर सुविधाएं प्राप्त हों।

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प्लॉट-फ्लैट बेचने से पहले स्वीकृत करवाना होगा प्रोजेक्ट

अब प्लाट-फ्लैट बेचने से पहले बिल्डरों को स्थानीय निकायों के अतिरिक्त ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग से संबंधित प्रोजेक्ट स्वीकृत करवाना होगा। उसके बाद ही प्लाट-फ्लैट खरीदने वालों से एडवांस पैसा ले सकेंगे। महकमे के अधिकारी जिलास्तर सहित निचले स्तर पर भी नियुक्त हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों को सार्वजनिक उपयोग के लिए रास्तों की सुविधा प्राप्त हो। इसके अलावा पानी की पाइप और सीवरेज लाइन ले जाने में किसी प्रकार की मुश्किल पेश न आए।

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आठ फ्लैट बेच सकेंगे

कोई भी व्यक्ति एक प्रोजेक्ट में आठ फ्लैट बेच सकेगा। इससे अधिक फ्लैट बेचने के लिए उसे विभाग से इजाजत लेनी होगी। बिल्डर या प्रमोटर को यह बताना होगा कि प्रत्येक खरीदार को सुविधाएं उपलब्ध हैं। पंजीकरण में छूट केवल प्लाटों में 500 वर्गमीटर से कम की भूमि के विकास अथवा आठ फ्लैटों के निर्माण के लिए है।

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खेती वाली जमीन पर कोई अडं़गा नहीं

यदि कोई व्यक्ति कृषि भूमि खरीदकर खेती या कृषि गतिविधियां संचालित करना चाहता है तो वह पूरी जमीन बेच सकता है। रेरा की शर्त कृषि जमीन बेचने व खरीदार पर लागू नहीं होगी। यह शर्त केवल चालाकी करके पैसा कमाने वालों पर ही लागू होगी।

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देखने में आया है कि कई लोग मनमर्जी से प्लॉट काटकर बेचते हैं। जिसके कारण मकान बनाने व फ्लैट लेने वालों को रास्ते की समस्या का सामना करना पड़ता है। उसके बाद लोग परेशान होते हैं। हम चाहते हैं कि राज्य में प्लाटों तथा फ्लैटों की ठगी व बेईमानी से की जाने वाली बिक्री पर रोक लगे।

-संदीप शर्मा, राज्य योजनाकार ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग।


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