हिमाचल में 600 करोड़ से बढ़ेगी हरियाली
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में अब विश्व बैंक के सहयोग से और अधिक हरियाली आएगी। न केवल हरित आवरण बढ
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में अब विश्व बैंक के सहयोग से और अधिक हरियाली आएगी। न केवल हरित आवरण बढ़ेगा, बल्कि सूख चुके परंपरागत जलस्रोतों को भी पुनर्जीवित किया जाएगा। इस संबंध में वन विभाग के माध्यम से पहली बार वानिकी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यह प्रोजेक्ट करीब 600 करोड़ का होगा। इससे पहाड़ी प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण होगा।
विभागीय अधिकारियों ने इसका प्रारंभिक खाका खींच लिया है। अभी अधिकारी तकनीकी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने की तैयारी है। इसे वित्त पोषण के लिए विश्व बैंक को भेजा जाएगा। इस बारे में विश्व बैंक के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। जल्द ही बैंक की टीम हिमाचल का दौरा करेगी। प्रस्तावित प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली तो फिर हिमाचल में और हरियाली आएगी। प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों को और समृद्ध बनाया जाएगा। जंगलों के घनत्व में बढ़ोतरी होगी। ईको सिस्टम से मिलने वाली सेवाओं में वृद्धि की जाएगी। पानी के स्रोतों में इजाफा होगा। सूखने की कगार पर पहुंचे स्रोतों, सूख चुके स्रोतों पर पूरा फोकस किया जाएगा। जंगलों में जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। जैव विविधता को प्रोत्साहन मिलेगा। घास, पत्ती और औषधीय पौधों को उगाया जाएगा। ऐसी गतिविधियां करवाई जाएंगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया हो सकेगा।
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पर्यावरण में होगा सुधार
अगर प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली तो हिमाचल में पर्यावरण में और सुधार होगा। आरंभ में प्रोजेक्ट पाच से सात साल तक चलेगा। बाद में इसे बढ़ाने के प्रयास होंगे। इसे पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। बेहतर नतीजे आने पर दूसरे चरण का खाका तैयार होगा।
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यह बात सही है कि हिमाचल में पहली बार वानिकी का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसे मंजूरी के लिए विश्व बैंक को भेजा जाएगा। अधिकारी इस पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। इससे प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण हो सकेगा। हरित आवरण में भी वृद्धि होगी।
-डॉ. जीएस गौराया, पीसीसीएफ।