संस्कृत पांडुलिपियों का हिंदी में होगा अनुवाद
राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पौराणिक संस्कृत पांडुलिपियों के हिंदी में अनुवा
राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पौराणिक संस्कृत पांडुलिपियों के हिंदी में अनुवाद के निर्देश दिए है। शिमला स्थित संस्कृत महाविद्यालय फागली के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए भी अधिकारियों को कहा है। इस कॉलेज के निर्माण के लिए सरकार ने आठ करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में सोलह मील के समीप मरावग में संस्कृत अकादमी के निर्माण के लिए वन स्वीकृति प्रक्रिया को तीव्र करने को कहा। संस्कृत कॉलेज के खोलने की माग पर उपयुक्त भूमि की उपलब्धता जाचने के बाद विचार किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने सुझाव दिया कि मंदिर के पुजारियों को उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए, जिससेवे पौराणिक वैदिक साहित्य तथा प्रणाली के अनुसार पूजा-पाठ तथा अन्य धार्मिक समारोह आयोजित कर सके। सुझावों के अनुसार कौशल विकास भत्ता योजना के अंतर्गत मंदिर के पुजारियों के लिए शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। इससे मंत्रों तथा श्लोकों के उचित उच्चारण का प्रशिक्षण मिलेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि संस्कृत साहित्यकारों को अनुसंधान पत्र प्रस्तुत करने के लिए 700 रुपये का मानदेय प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अकादमी की वार्षिक पत्रिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा के प्रचार पर बल दिया तथा भाषा में लोगों की रुचि बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा। इससे पहले हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. मस्तराम शर्मा ने अकादमी की गतिविधियों के बारे जानकारी दी। डॉ. मदन मोहन शर्मा, आचार्य केशव शर्मा, आचार्य बाली राम शर्मा, प्रो. कौशल्या देवी, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकात बाल्दी, शिक्षा प्रधान सचिव आरडी धीमान, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. बृज बिंटा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।