निजी के 127 विद्यार्थियों ने लिया सरकारी स्कूल में दाखिला
निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी में सरकार की ओर से मूलभूत सुविधाएं मिलने के बाद बच्चों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहा है।
समर नेगी, रिकांगपिओ
निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी में सरकार की ओर से मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के सकारात्मक पहलू सामने आने लगे हैं। अब प्रदेश के स्कूलों में वोकेशनल कोर्स भी शुरू कर दिए हैं। ऐसे में छोटे विद्यार्थियों के लिए भी प्री-प्राइमरी की कक्षाओं को शुरू किया है। इससे निजी स्कूलों के विद्यार्थी सरकारी का रुख कर रहे हैं। जिला किन्नौर में निजी के 127 विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है।
कोरोना काल में निजी स्कूल प्रबंधकों की ओर से अभिभावकों से पूरी फीस वसूली से भी कई अभिभावक रुष्ट हुए। इसके बाद उन्होंने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलवाया है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलाजी की आधुनिक लैब उपलब्ध हैं। बेहतरीन लाइब्रेरी के साथ कंप्यूटर साइंस के साथ वोकेशनल कोर्स करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दी, बैग, स्कालरशिप व दिन के समय मिड-डे मील सहित अन्य सुविधाएं भी मिल रही हैं। जिला के 24 सरकारी स्कूलों में निजी के विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। सत्र 2021-22 में जिला किन्नौर में 127 विद्यार्थियों ने निजी स्कूल छोड़ सरकारी में दाखिला लिया है। इसमें सबसे ज्यादा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिकांगपिओ में 31, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सांगला में 18, रिब्बा स्कूल में 12 एवं निचार स्कूल में 11 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। सत्र 2021-22 में रिकांगपिओ मुख्यालय के इर्द-गिर्द निजी स्कूलों के 30 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। इसमें 18 विद्यार्थियों ने जमा एक व छह ने जमा दो और इसके अतिरिक्त छोटी कक्षाओं में प्रवेश लिया है। वहीं निजी स्कूलों में टाप करने वाले विद्यार्थियों ने भी स्कूल में दाखिला लिया है।
- जियालाल नेगी, प्रधानाचार्य, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिकांगपिओ। कोविड काल में बिना कक्षाएं लगाए ही निजी स्कूल प्रबंधकों की फीस वसूली से तंग आकर विद्यार्थियों ने निजी स्कूल छोड़ सरकारी में दाखिला लिया है। प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग भी छात्रों की शिक्षा को लेकर गंभीर है व उन्हें गुणात्मक शिक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
- बसंत नेगी, उच्च शिक्षा उपनिदेशक किन्नौर।