Himachal: शिमला में दौड़ा 115 साल पुराना स्टीम इंजन, इंग्लैंड के सैलानियों ने किया रोमांचक सफर
Steam Engine. इंग्लैंड के सैलानियों ने शिमला से कैथलीघाट तक 21 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर स्टीम इंजन से जोड़े गए कोच में सफर किया।
जेएनएन, शिमला। Steam Engine. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रेलवे का 115 साल पुराना स्टीम इंजन शुक्रवार को एक बार फिर ट्रैक पर उतरा। इस दौरान इंग्लैंड के सैलानियों ने शिमला से कैथलीघाट तक 21 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर स्टीम इंजन से जोड़े गए कोच में सफर किया। शुक्रवर सुबह करीब 11 बजे रेलवे यार्ड से निकलकर स्टीम इंजन प्लेटफार्म पर पहुंचा। तीखी सीटी और छुकछुक की आवाज सुनते ही यात्री और स्टाफ स्टीम इंजन को देखने लगे। प्लेटफार्म पर सीटी 12,13 कोच स्टीम इंजन से जोड़े गए। करीब 11.35 बजे यह ट्रेन शिमला का प्लेटफार्म छोड़कर कैथलीघाट के लिए रवाना हो गई। कोच में सवार होने से पहले विदेशी सैलानियों ने स्टीम इंजन के साथ फोटो खींचे।
पर्यटकों ने एकतरफा सफर के लिए एक लाख 24 हजार रुपये में बुकिंग करवाई थी। रेलवे स्टेशन शिमला के स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी ने बताया कि इंग्लैंड के सैलानी रेल कार में कालका से शिमला पहुंचे थे। रेल का पर्याय मानी जाने वाली छुक-छुक की आवाज सिर्फ स्टीम इंजन से पैदा होती है। स्टीम इंजन में भाप के पिस्टन में आगे पीछे चलने और बाहर निकलने से छुक-छुक की आवाज पैदा होती है। स्टीम इंजन में बजने वाली सीटी भाप के दबाव से बजती है। डीजल इंजन के मुकाबले स्टीम इंजन की सीटी ज्यादा तीखी और दूर तक सुनाई देने वाली होती है। गौरतलब है कि शिमला-कालका रेललाइन विश्व धरोहर का दर्जा पाने वाली तीसरी रेल लाइन है। 10 जुलाई, 2008 को यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया था।
भाप इंजन रेलगाड़ी में सफर करते इंग्लैंड से आए पर्यटक।
इन सैलानियों ने किया सफर
इस मौके पर ट्रेन में इंग्लैंड निवासी रेमंड, जॉन, ऐलन, जैफरी, एलथिया, फीलिप, मॉयरा, जूलिन, सांड्रा, लेन, विविन, मार्टिन, क्रिस्टोफर, जूली, लेनइवांस, फियॉना, डेविड, जेम्स, राबर्ट, कैथेरिन, डेविड, ग्राह्म, नॉर्मन रॉबसन, लूईसा रॉबसन, स्टूरॉट, सेराह, एंड्रयू, नेल, क्रस्टिन सहित एक पर्यटक राकेश ने स्टीम इंजन से जुड़े कोच में सफर किया।