आखिर असहज क्यों महसूस कर रहे हैं हिमाचल के ऊर्जा मंत्री, उठा रहे सरकार पर सवाल
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा क्या हिमाचल की जयराम सरकार में भी सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं?
जेएनएन, मंडी। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा क्या हिमाचल की जयराम सरकार में भी सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं? यह सवाल इसलिए क्योंकि अनिल शर्मा पिछले कुछ समय से सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व की वीरभद्र सरकार में भी मंत्री रहते अनिल शर्मा सरकार पर ऐसे ही आरोप लगाते रहते थे। पार्टी बदलने के बाद सत्ता परिवर्तन के साथ फिर से कैबिनेट मंत्री बने अनिल फिर मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।
सरकार बनने के कुछ समय बाद ही उन्होंने बयान दिया कि उनके द्वारा करवाए जा रहे तबादलों को कोई रोक रहा है। इसके बाद उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने पोते आश्रय शर्मा के लिए टिकट का राग अलाप दिया! हालांकि अनिल ने इसे परिवार का मसला बताकर आपस में सुलझाने की बात कही। उसके बाद जनमंच कार्यक्रम में अनिल शर्मा ने अपने ही एक कैबिनेट सहयोगी के विभाग पर चिंता जताकर सवाल उठा दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को चिंता का विषय बताते हुए बदहाल सेवाओं के लिए अपने गृहक्षेत्र की जनता से माफी मांगी और खेद जाहिर किया।
अब अनिल शर्मा ने स्कूल के वार्षिक समारोह में सरकारी अध्यापकों पर तंज कस दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी अध्यापकों का ध्यान पढ़ाई की तरफ कम और तबादलों की तरफ ज्यादा रहता है। खुद उनके पास रोजाना कई अध्यापक मनचाहे और सुविधा वाले स्थानों पर तबादले करवाने के आवेदन लेकर आते हैं। अब ऐसे में यह सवाल उठता लाजिमी है कि क्या अनिल शर्मा जयराम सरकार में असहज महसूस तो नहीं कर रहे हैं। हालांकि अभी तक अनिल शर्मा द्वारा सरकार के प्रति की जा रही इस बयानबाजी पर न तो सरकार के किसी मंत्री और न ही मुख्यमंत्री का बयान आया है और न ही विपक्ष का।
लेकिन जिस तरह से अनिल आए दिन तेवरों को तीखा करते जा रहे हैं, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भविष्य में उनके लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। चर्चा ऐसी भी है कि अनिल शर्मा अपने बेटे आश्रय शर्मा को मंडी लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिलाने के लिए इस तरह के बयानों से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका बेटा संगठन को विश्वास में लिए बिना मंडी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी हलकों में बैठकें कर चुका है। आनी हलके में इसका खामियाजा कई कार्यकर्ताओं को निलंबन के रूप में भुगतना पड़ा है।
सुखराम ने खोला था सत्ती के खिलाफ मोर्चा
पिछले माह पार्टी अध्यक्ष सतपाल सत्ती के खिलाफ अनिल शर्मा के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने जिस तरह मोर्चा खोला था, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनिल शर्मा को तलब कर खूब खरी-खोटी सुनाई थी। इसके बाद बयानों पर विराम लग गया था, अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही अनिल ने फिर मोर्चा खोल दिया है।
वीरभद्र समर्थकों को भी लिया था निशाने पर
अनिल शर्मा पूर्व वीरभद्र सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री थे। वह वीरभद्र खेमे के लोगों पर सदर हलके के विकास में अड़ंगा लगाने व उनके परिवार को जलील करने का आरोप लगा विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कोई नाराजगी नहीं है। मंत्री से पहले मैं सदर क्षेत्र का विधायक हूं। जनता की समस्याओं का समाधान करवाना मेरा दायित्व है। समाधान अगर नहीं तो रहा है तो माफी मांगना बेहतर विकल्प है। -अनिल शर्मा, ऊर्जा मंत्री