सेब व टमाटर पर भारी पड़ रही मौसम की बेरुखी
जागरण संवाददाता मंडी मौसम का बदले रुख ने इस बार टमाटर और सेब की फसल को प्रभावित कर
जागरण संवाददाता, मंडी : मौसम का बदले रुख ने इस बार टमाटर और सेब की फसल को प्रभावित कर रहा है। बुधवार दोपहर बाद जिले के मैदान इलाकों में बारिश तो ऊपरी इलाकों में ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है।
बल्ह घाटी में टमाटर की फसल पहले ही ब्लाइट रोग की चपेट में है। मंगलवार को ही विभाग की टीम ने बल्ह क्षेत्र का दौरा किया था। इस दौरान पाया गया था कुम्मी, नलसर, छातडू आदि में टमाटर की फसल में पांच प्रतिशत लेट ब्लाइट (पछेता झुलसा), दो प्रतिशत अर्ली ब्लाइट (अगेता झुलसा) के लक्षण हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बारिश से ब्लाइट व विल्ट बीमारियों के फैलाव के लिए उपयुक्त वातावरण मिल जाता है। ऐसे में टमाटर के उत्पादन पर इसका सीधा असर रहेगा।
वहीं सराज घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने सेब बागवानों की कमर तोड़ दी है। ओलावृष्टि के कारण जहां तैयार हो रहा सेब कुछ इलाकों में गिरा है, वहीं पेड़ों को भी नुकसान हुआ है। इसी तरह की चौहारघाटी और बरोट क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि के कारण भी भारी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग और बागवानी विभाग के अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को क्षेत्र में हुए नुकसान की जानकारी लेने के आदेश जारी किए हैं।
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ब्लाइट रोग से बचाव के लिए करें छिड़काव
कृषि विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ राम चंद्र ने बताया कि अगर फसल में अर्ली ब्लाइट रोग दिखाई देता है कॉपर ओक्सीकलोराइड, ब्लाइटोक्स (3 ग्राम प्रति लीटर) और लेट ब्लाइट से बचाव के लिए रिडोमिल 2.5 ग्राम प्रति लीटर का छिड़काव किया जा सकता है। इसी तरह वैक्टीरियल विल्ट के लिए कॉपर ओक्सीकलोराइड, ब्लाइटोक्स (3 ग्राम प्रति लीटर) और स्ट्रेपटोसाइक्लीन (1.5 ग्राम प्रति 10 लीटर) में पानी में घोलकर छिड़काव करें।