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प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी खोलने की शुरू हुई कवायद

मंडी जिला की बल्ह घाटी में प्रदेश की पहली एनडीआरएफ बटालियन की कव

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 05:08 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 05:08 PM (IST)
प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी 
खोलने की शुरू हुई कवायद
प्रदेश की पहली एनसीसी अकादमी खोलने की शुरू हुई कवायद

संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी जिला की बल्ह घाटी में प्रदेश की पहली एनडीआरएफ बटालियन की कवायद के बाद अब राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) अकादमी के निर्माण को लेकर धरातल पर कार्य शुरू हो गया है। घाटी के राजगढ़ खियूरी में अकादमी के लिए 43.5 बीघा भूमि चिह्नित करने के बाद पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक जनरल मेजर जनरल जसवीर सिंह संधू (एवीएसएम) ने अधिकारियों के साथ वीरवार को भूमि का निरीक्षण किया।

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मेजर जनरल जसवीर सिंह संधू ने कहा कि इस दौरे का मुख्य मकसद हिमाचल सरकार की ओर से एनसीसी अकादमी खोलने को दी गई जमीन देखना था ताकि यह पता चल सके कि यहां भूमि विकास के लिए क्या काम करने की आवश्यकता है। बहुत से राज्यों में एनसीसी ट्रेनिग के लिए अकादमी अथवा स्कूल हैं। पंजाब के रोपड़ में भी एनसीसी अकादमी की स्थापना की गई है। हरियाणा में भी एनसीसी अकादमी का करीब 80 फीसद कार्य पूरा कर लिया गया है। हिमाचल में भी एनसीसी अकादमी बनने से कैडेट्स को प्रशिक्षण और कैंप की बड़ी सुविधा मिलेगी। खासकर आउटडोर ट्रेनिग व कैंप लगाने में सहुलियत होगी। इस अकादमी के स्थापित होने से प्रदेश के एनसीसी कैडेट्स को प्रदेश में ही प्रशिक्षण की सभी विशेष सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।

प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगते संवेदनशील क्षेत्रों के विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में प्रदेश सरकार ने जो एनसीसी अकादमी के लिए चिह्नित जगह का निरीक्षण किया गया है। इस मौके समूह मुख्यालय शिमला के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर (एसएम, वीएसएम) और द्वितीय वाहिनी एनसीसी मंडी के कमानाधिकारी कर्नल अनुज सिंह लुथरा (एसएम) और उनकी टीम के सदस्य भी मौजूद थे।

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प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार प्रशासन ने एनसीसी अकादमी बनाने के लिए खियुरी में करीब 43.5 बीघा भूमि चिह्नित की है। इसमें से 18 बीघा भूमि उच्च शिक्षा विभाग के नाम स्थानांतरित की जा चुकी है। शेष भूमि के फारेस्ट स्वीकृति को लेकर मामला भेजा गया है। इसके सिरे चढ़ते ही शीघ्र आगामी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी


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