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करोड़ों का कारोबार, सुविधा जीरो

प्रत्येक वर्ष अनुमानित एक करोड़ रुपये का व्यापार करने वाली उप विनियमित सब्जी मंडी अनदेखी का शिकार हुई है। सब्जी मंडी के संचालन के सात वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी थोक सब्जी विक्रेताओं को विभाग मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना भूल गया है। इससे फल व सब्जी का क्रय विक्रय कर रहे दुकानदारों

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 02:31 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 02:31 PM (IST)
करोड़ों का कारोबार, सुविधा जीरो
करोड़ों का कारोबार, सुविधा जीरो

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : प्रत्येक वर्ष अनुमानित एक करोड़ रुपये का व्यापार करने वाली उप विनियमित सब्जी मंडी अनदेखी का शिकार हुई है। सब्जी मंडी के संचालन के सात साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी थोक सब्जी विक्रेताओं को विभाग मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना भूल गया है। इससे फल व सब्जी का क्रय-विक्रय कर रहे दुकानदारों सहित ग्राहकों में रोष है। शहर की एकमात्र सब्जी मंडी में प्रतिदिन सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं, जबकि चौहारघाटी सहित दुर्गम क्षेत्रों से भी लोग फल, सब्जियों के क्रय-विक्रय के लिए पहुंचते हैं। जिन्हें शौचालय सुविधा से तो वंचित कर दिया गया है वहीं सब्जी मंडी के चारों और बिखरी गंदगी भी आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। शौचालय पर लटके ताले को देखकर ग्राहक व दुकानदार खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। इससे स्वच्छ भारत अभियान का भी दम विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते निकल रहा है। सब्जी मंडी में रोजाना हो रहे क्रय-विक्रय पर कुछ प्रतिशत उपविनियमित सब्जी मंडी के खजाने में भी जमा होता है। सब्जी मंडी का भवन 2011 में थोक सब्जी विक्रेता को समर्पित किया गया था। दोमंजिला भवन में कुल 14 दुकानों में से सात दुकानों पर प्रतिदिन 80 लाख से एक करोड़ रुपये का व्यापार होता है। रोजाना ट्रकों में भरकर पहुंच रही सब्जियों को शैड तक की सुविधा नहीं है। बड़ी समस्या यह है कि सब्जी मंडी के मुख्यद्वार में स्थापित लोहे का गेट भी अरसे पहले टूट चुका है। जो दुर्घटना को न्योता तो दे रहा है साथ ही सब्जियों की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिह्न पैदा कर रहा है। मुख्य गेट टूटे होने के कारण बेसहारा पशु सब्जी मंडी में प्रवेश कर फल व सब्जियां चट कर रहे हैं। सब्जी मंडी में बिजली सुविधा न होने से रात के अंधेरे में चोरी की वारदातों का भय भी सता रहा है। सब्जी मंडी की मरम्मत के लिए विभाग ने फूटी कोड़ी खर्च नहीं की। थोक व्यापारियों ने विभाग को चेताया है कि अगर जल्द सब्जी मंडी की दुर्दशा पर गंभीर नहीं दिखते हैं तो वह किसी भी हद तक जाने से गुरेज नहीं करेंगे।

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उप विनियमित सब्जी मंडी की अहम समस्याओं पर विभाग गंभीर है। भवन की मरम्मत और अन्य समस्याओं पर उच्चाधिकारी जल्द आंकलन के लिए पहुंच रहे हैं। मूलभूत सुविधाएं व्यापारियों और ग्राहकों को उपलब्ध करवाने के प्रयास लगातार जारी हैं।

-अमृत लाल, प्रभारी, उपविनियमित सब्जी मंडी, जोगेंद्रनगर।


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