अब रक्षक बने शिक्षक
कोरोना कफर्यू के बीच शिक्षक अब पहरेदार भूमिका निभा रहे हैं। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के साथ-साथ नाकों पर बाहर से आ रहे लोगों पर नजर रख उनका पूरा रिकॉर्ड ले रहे हैं। जिला के प्रवेश द्वारा सलापड़ में 40 शिक्षकों की डयूटी दिन रात बाहर से आने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखने के लिए लगाई गई है। यह अपनी ड्यूटी के समयानुसार बच्चों को व्हाट्सएप के जरिए पढ़ाई भी करवा रहे हैं। मंगलवार को शिक्षा उपनिदेशक बीना अत्री ने सलापड़ पहुंचकर इन शिक्षकों का हौसला बढ़ाया और समस्याएं जानी।
जागरण संवाददाता, मंडी : कर्फ्यू के बीच शिक्षक अब रक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के साथ नाकों पर बाहर से आ रहे लोगों पर नजर रख उनका पूरा रिकॉर्ड ले रहे हैं। जिला मंडी के प्रवेश द्वार सलापड़ में 40 शिक्षकों की ड्यूटी दिन-रात बाहर से आने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखने के लिए लगाई गई है। यह ड्यूटी के समयानुसार बच्चों को वाट्सएप के जरिये पढ़ाई भी करवा रहे हैं। मंगलवार को शिक्षा उपनिदेशक बीना अत्री ने सलापड़ पहुंचकर इन शिक्षकों का हौसला बढ़ाया और समस्याएं जानी।
सलापड़ में तैनात शिक्षक सुंदरनगर खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भांवला, राजकीय माध्यमिक पाठशाला बटवाड़ा, सनिहन, खुराहल, सलापड़ स्कूलों के शिक्षकों को यहां तैनाती दी गई है। इनमें पांच-पांच लोगों की ड्यूटी तीन शिफ्टों में लगाई गई है। इसमें सुबह आठ से चार, फिर चार से रात 12 बजे और रात 12 बजे से सुबह आठ बजे तक। यहां पर तैनात पांच लोगों की ड्यूटी एक दिन छोड़ कर लगती है। ऐसे में जब भी यह नाके पर ड्यूटी के लिए आते हैं, तो आने से पहले बच्चों को व्हाट्सएप के जरिए पाठ्यक्रम देकर जाते हैं और बाद में नाके पर ही ड्यूटी के दौरान इसको चैक कर बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं। सलापड़ में तैनात शिक्षकों बालकराम, अखिलेश शर्मा, सुरेंद्र कुमार, अमर सिंह, इंद्र सिंह, कमलेश कुमार, अरुण, रूप सिंह, पवन कुमार, रमेश कुमार, गोविद राम सहित अन्य शिक्षक सलापड़ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि सुबह डयूटी पर आने से पहले बच्चों को उनके विषय से संबंधित पाठयक्रम ऑनलाइन दे दिया जाता है और कई बार नाके पर ही चैक कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि जो आदेश उनको मिले हैं उनका पूरा पालन किया जा रहा है।
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मंगलवार को मैंने सलापड़ नाके पर तैनात शिक्षकों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी साथ ही उनका हौसला बढ़ाया। शिक्षक बेहतर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कुछ समस्याएं बताई हैं जिनका हल करवाया जाएगा।
बीना अत्री, कार्यकारी उच्च शिक्षा उपनिदेशक।