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छात्रों ने बनाई ब्लूटूथ नियंत्रित कार, आइआइटी के निदेशक भी हैरान

जागरण संवाददाता मंडी प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। जरू

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2022 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2022 11:15 PM (IST)
छात्रों ने बनाई ब्लूटूथ नियंत्रित कार, आइआइटी के निदेशक भी हैरान
छात्रों ने बनाई ब्लूटूथ नियंत्रित कार, आइआइटी के निदेशक भी हैरान

जागरण संवाददाता, मंडी : प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। जरूरत है उसे निखारने की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में तीन सप्ताह के प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने गए 100 स्कूली बच्चों ने इस बात को सार्थक कर दिखाया है। तीन सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद छात्रों ने ब्लूटूथ से नियंत्रित होने वाली कार, एक लाइन पर चलने में सक्षम रोबोट, बाधा से बचकर चलने वाले रोबोट की तकनीक तैयार कर प्रतिभा का लोहा मनवाया है। छात्रों द्वारा विकसित तकनीक को देख आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा भी हैरान रह गए।

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प्रदेश कौशल विकास निगम के सहयोग से रोबोटिक्स व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आइआइटी में पहले स्कूल कैंप (प्रयास) का आयोजन किया गया। पहली जुलाई से शुरू हुआ कैंप पूरी तरह आवासीय प्रोग्राम था। इसमें विद्यार्थियों को रोबोटिक्स व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी जानकारी दी गई, ताकि वे अपने करियर के शुरुआती दौर में ही पूरा आटोमेटेड सिस्टम विकसित करें। कैंप के लिए पूरे प्रदेश के 1200 से अधिक विद्यार्थियों में से 100 का चयन हुआ था। संस्थान में हिमाचली छात्रों का अनुपात 50 प्रतिशत हो यह इच्छा

आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि प्रयास कार्यक्रम से स्कूली बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। यह उनकी इच्छा है कि संस्थान में आने वाले समय में हिमाचल के विद्यार्थियों का अनुपात कम से कम 50 प्रतिशत हो। अगली बार संस्थान स्कूलों व आइटीआइ के शिक्षकों को आमंत्रित करेगा ताकि वे आइआइटी मंडी के फैकल्टी व लैब की सुविधाओं का व्यवहारिक अनुभव प्राप्त करें। प्रदेश में प्रौद्योगिकी कौशल के विकास का नया दौर शुरू

सतत् शिक्षा कार्यक्रम केंद्र के प्रमुख डा. तुषार जैन ने कहा कि प्रयास कार्यक्रम के साथ हिमाचल में प्रौद्योगिकी कौशल के विकास का नया दौर शुरू हो गया है। स्कूली बच्चों के लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर था। इससे उन्हें भविष्य में आइआइटी मंडी का हिस्सा बनने की प्रेरणा मिली। प्रयास से उनके सामाजिक, प्रौद्योगिकी व मानवीय मूल्यों के कौशल का विकास हुआ है। रोबोटिक्स व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कक्षाएं आयोजित

कार्यक्रम के दौरान छात्रों के लिए रोबोटिक्स व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कक्षाएं आयोजित की गई। विद्यार्थियों ने रोबोट बनाने के लिए आवश्यक विभिन्न कंपोनेंट को आपस में जोड़ने के लिए प्रोग्रामिग की विभिन्न प्रौद्योगिकी, सेंसर, संचार उपकरणों व बिजली उपकरणों का उपयोग सीखा। कक्षाओं में सैद्धांतिक कांसेप्ट व व्यवहारिक ज्ञान के सत्र शामिल थे। प्रतिभागी टीमों को मिली टेक होम रोबोटिक्स किट

कैंप में विद्यार्थियों ने प्रोसेसिग सेंसर डाटा व पायथन लैंग्वेज की जानकारी हासिल की। उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया व इसके उपयोगों को जानने का मौका मिला। प्रतिभागी टीमों को टेक होम रोबोटिक्स किट दी गई ताकि वे बाद में भी इस प्रौद्योगिकी के साथ खुद कुछ नया कर सकें। एरोबिक्स क्लास व श्रीमद्भागवत गीता सत्र भी हुआ

कैंपस प्रवास के दौरान विद्यार्थियों के लिए योग, एरोबिक्स क्लास व श्रीमद्भागवत गीता के सत्र आयोजित किए गए। उत्साहव‌र्द्धक डाक्यूमेंटरी दिखाई गई। पौधारोपण अभियान में 200 से अधिक पौधे लगाए।


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