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संस्कृति सदन से कम होगी देव समाज व प्रशासन की मुश्किल

संवाद सहयोगी मंडी मंडी शहर के साथ सटा मोतीपुर भी अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 04:46 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 04:46 PM (IST)
संस्कृति सदन से कम होगी देव 
समाज व प्रशासन की मुश्किल
संस्कृति सदन से कम होगी देव समाज व प्रशासन की मुश्किल

संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी शहर के साथ सटा मोतीपुर भी अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा। संस्कृति सदन के अस्तित्व में आने पर देव संस्कृति को निहारने व समझने का मौका मिलेगा। शिवरात्रि मेले के दौरान संस्कृति सदन में एक साथ 200 से अधिक देवी-देवता व देवलुओं के ठहरने से समूचा परिवेश भक्ति रस से सराबोर हो जाएगा। देव समाज में गहरी रुचि रखने वाले शोधार्थियों के लिए भी अनूठे विषय मिलेंगे।

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मोतीपुर में करीब 30 करोड़ से छह मंजिला संस्कृति सदन बनकर तैयार है। आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण सदन में छोटी काशी की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। सदन में एक हजार लोग एक साथ ठहर सकेंगे। यहां पर प्राचीन मंडी रियासत की झलक के साथ देवी-देवताओं का इतिहास भी लोग जान सकेंगे। रियासतकाल में शिवरात्रि मेले में आने वाले देवी देवताओं को एक छत के नीचे बिठाया जाता था लेकिन रजवाड़ाशाही खत्म होने के सात दशकों तक देवी देवताओं को अलग अलग स्थानों पर ठहराया जाता है। इससे आयोजन समिति को काफी मशक्कत करना पड़ती है।

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क्या सुविधा रहेगी

बेसमेंट में स्टोर, रेजिडेंशियल स्पेस, डाइनिग, रसोई घर और शौचालय होंगे। धरातल में 675 लोगों की क्षमता वाला मल्टीपर्पज हाल मंच के साथ, कार्यालय, सांस्कृतिक कार्यक्रम करने वालों को तैयार होने के लिए कमरा, शौचालय की सुविधा होगी। पहली मंजिल में 156 लोगों की क्षमता वाली बालकनी, आर्ट गैलरी, म्यूजियम, शौचालय, दूसरी मंजिल में 19 लोगों की क्षमता वाली डोरमेट्री, ड्राइंग हाल, किचन, डाइनिग हाल, शौचालय, तीसरी मंजिल में 26 लोगों की क्षमता वाली डोरमेट्री, शौचालय व चौथी मंजिल में आठ सूट (आलीशान कमरे) और स्टोर होंगे।

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वीरभद्र सिंह ने किया था शिलान्यास

चार बीघा भूमि में संस्कृति सदन का निर्माण किया जा रहा है। 2015 में सदन का काम शुरू हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसकी आधारशिला रखी थी। इसके बाद सीएम जयराम ठाकुर ने सदन की योजना को अधिक समृद्ध किया और जरूरत अनुसार संशोधन किया।

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सदन में 200 देवी-देवताओं व देवलुओं व कारदारों को रात्रि ठहराव की सुविधा मिलेगी। संस्कृति सदन में छोटी काशी की संस्कृति की झलक मिलेगी।

-पंडित शिवपाल शर्मा, अध्यक्ष, सर्व देवता सेवा समिति।


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