सड़क सुविधा से दूर निचला सकारोहा
बल्ह हलके की सकरोहा पंचायत का एक गांव आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है।
बबलू भारद्वाज, बग्गी
बल्ह हलके की सकरोहा पंचायत का एक गांव आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। इस कारण आपात स्थिति में मरीजों को सड़क तक पहुंचाना परेशानी का सबब बना हुआ है। बरसात हो या गर्मी का मौसम, मरीजों को पालकी या फिर पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। हाल ही में निचला सकरोहा गांव के महेंद्र लाल का आइजीएमसी शिमला में ऑपरेशन हुआ। जब महेंद्र लाल को मंगलवार रात को शिमला से घर वापस लाया गया तो रात करीब 11 बजे ग्रामीणों ने मरीज को बेड पर लेटाकर बड़ी मुश्किल से घर तक पहुंचाया। बुधवार को मरीज को मंडी अस्पताल में चेकअप करवाने ले जाना था तो फिर से ग्रामीणों को पालकी पर बैठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ा। सरकार व स्थानीय पंचायत के उदासीन रवैये से गांव के लोगों में खासा रोष पनप रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक वार्ड स्तर के चुनाव से लेकर लोकसभा के चुनाव तक यही आश्वासन दिलाया गया कि जीतने के बाद तुंरत गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा, लेकिन यह बातें खोखली साबित हुई। सड़क से गांव तक पैदल चलने योग्य रास्ते की हालत भी दयनीय बनी हुई है। इस कारण यहां पैदल चलना भी खतरे भरा है। रास्ते में काफी गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं। ऐसे में दिन के उजाले में भी संभल संभल कर पैर रखना पड़ता है। रात को जान हथेली में रखकर चलना पड़ता है। बच्चों को स्कूल तक पहुंचाना भी मुश्किल हो गय पिछली सरकार में बल्ह हलके से मंत्री रहे, लेकिन टाल-मटोल कर अपना पांच साल का समय पूरा करके चले गए। अब लोगों ने बल्ह के विधायक इंद्र ¨सह गांधी से मांग की है कि पैदल रास्ते को चौड़ा करके सड़क को पक्का करवाकर सड़क सुविधा प्रदान की जाए।
-----------
इस सड़क को 14वें वित्त आयोग व मनरेगा के बजट में डाल दिया गया है। इसमें दो लाख व मनरेगा में पांच लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। बरसात खत्म होने के बाद इस सड़क को पक्का करके लोगों को आ रही समस्या से निजात दिलाई जाएगी।
चंपा ठाकुर, प्रधान, ग्राम पंचायत सकरोहा।