सराज और बंजार में धूमधाम से मनाया फागली उत्सव
मंडी जिले के सराज के थाटा व परखोल में आग की मशालों और ढोल-नगाड़ों की थाप पर फागली उत्सव की धूम रही है।
जागरण टीम, मंडी/बंजार/गुशैणी : मंडी जिले के सराज के थाटा व परखोल और जिला कुल्लू के बंजार उपमंडल में फागली उत्सव मनाया। थाटा व परखोल में फागली उत्सव में लोगों ने बुरी शक्तियों को भगाने के लिए गालियां दीं। देवता के कार कारिदों के अनुसार यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है। उत्सव में भगवान विष्णु की लीलाओं का गुणगान 18 लोक गीतों के माध्यम से किया जाता है। ग्रामीणों ने अग्निकुंड के चारों ओर एक नाटी भी डाली।
फागली उत्सव विष्णु-नारायण भगवान के दस अवतारों की लीलाओं का प्रतीक है। उत्सव में बरूआ घास से बने एक प्रकार के फूल के लिए लोगों के बीच छीनाझपटी भी होती है। बरूआ के घास से बने इस गुच्छे को देव भाषा में बीठ कहा जाता है जो व्यक्ति इस बीठ को पाने में सफल होता है तो उसी घर में धाम का आयोजन भी किया जाता है। उत्सव में लक्ष्मी नारायण का मुख्य मुखौटा हर घर जाकर लोगों को सुख समृद्धि का वरदान भी देता है।
वहीं बंजार उपमंडल की पंचायतों में तीन दिनों से भगवान विष्णुनारायण के सम्मान में यह उत्सव मनाया गया। शनिवार को इसका समापन हुआ। यह उत्सव बंजार क्षेत्र के पेड़चा, पुजाली, चेथर, वाहू, भुमियां, बेहलो, भलाग्रां, जिभी सर, वीनी, चौहनी, फरियाड़ी पेखड़ी आदि अनेक स्थानों में मनाया जाता है। तीर्थन घाटी के पेखडी, शर्ची, तिदर डिगचा, कांऊचा, फरयाडी, बाशीर, परबाडी, घरूली, घलियाड, घलिगचा, मशियार, चिपणी, कलबारी, शिरीकोट, आदि गांव में भी यह उत्सव इसी अंदाज में मनाया जाता है। शनिवार को दिनभर फागली उत्सव की धूम में लोग नाटी करते हैं। ग्रामीण मिलाप चंद, नीरत सिंह, हिरू राम, लाल सिह, दुनी चंद, हेत राम, बली राम, दलीप सिह, रोशन लाल, गोकुल चंद, जीत राम, सेस राम, रमेश चंद, बुध राम आदि का कहना है हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी फागली उत्सव धूमधाम से मनाया।