मरीज मेडिकल ऑफिसर के हवाले, दवाइयां लेनी पड़ रहीं बाजार से
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग अन्य मरीजों के अलावा कोरोना संक्रमितों की तरफ अधिक ध्यान दे रहा हे।
राजेश शर्मा, जोगेंद्रनगर
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग अन्य मरीजों के अलावा कोरोना संक्रमितों व उनके संपर्क में आए लोगों पर ही खास ध्यान दे रहा है। इसका नतीजा यह है कि बड़े अस्पतालों के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में मरीजों की तरफ ध्यान कम है।
जोगेंद्रनगर उपमंडल में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में हाल यह है कि मरीज मेडिकल ऑफिसर के सहारे हैं। वहीं, सिविल अस्पताल लडभड़ोल में अल्ट्रासाउंड की ंसुविधा नहीं है। उपमंडल की तीन प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र एक-एक डाक्टर के सहारे हैं।
------------ ईसीजी व अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे
सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में सोमवार को मेडिसन ओपीडी के बाहर लोगों की भीड़ थी। वहां मेडिकल ऑफिसर (एमओ) के सहारे मरीजों को छोड़ा गया था। विशेषज्ञों की ड्यूटी कोरोना केयर सेंटर और सैंपल लेने के लिए लगाई गई है। अस्पताल में ईसीजी के अलावा अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। आपात स्थिति में ऑन कॉल निजी क्लीनिक से ईसीजी करवाने के लिए विशेषज्ञ बुलाया जाता है। यहां मेडिकल स्टोर को कोविड प्रशिक्षण केंद्र में तबदील कर दिया गया है। अस्पताल में दवाइयां नहीं मिल रही हैं। मरीजों को बाजार से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। सर्जन न होने के कारण एमओ के सहारे ही व्यवस्था चल रही है। कोई ऑपरेशन करना हो तो मरीज रेफर हो रहे हैं। घायलों को टांके लगाने का काम फार्मासिस्टों को सौंपा गया है।
---------------- अल्ट्रासाउंड के लिए निजी अस्पताल भेजी गर्भवती
सिविल अस्पताल लडभड़ोल में सोमवार सुबह अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए पहुंची गर्भवती को निजी अस्पताल भेज दिया गया। यहां पर तीन डाक्टर तैनात हैं लेकिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा न होने के कारण लोगों को इसके लिए निजी अस्प्ताल में भेजा जाता है। हालांकि यहां अस्पताल समय पर खुलता और बंद होता है लेकिन विशेषज्ञ न होने के कारण अधिकतर मरीजों को सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर या डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा भेजना पड़ता है।
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डाक्टर छुट्टी पर तो जोगेंद्रनगर या लडभड़ोल का चक्कर
प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र मकरीड़ी, पंडोल और लांगणा एक-एक डाक्टर के सहारे चल रहे हैं। अगर किसी प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र में डाक्टर छुट्टी पर हों तो मरीजों को जोगेंद्रनगर या लडभड़ोल का चक्कर लगाना पड़ता है। इन स्वास्थ्य उपकेंद्रों में अल्ट्रासाउंड व ईसीजी की सुविधा भी नहंी है।
----------------- विशेषज्ञ न होने से वापस भेज दिया मरीज
आयुर्वेदिक उपमंडलीय अस्पताल जोगेंद्रनगर के अधिकतर डाक्टर कोविड ड्यूटी पर हैं। इस कारण अस्पताल में स्टाफ कम है। सोमवार को यहां पर एक डाक्टर ही सेवाएं दे रहे थे। हालांकि कोरोना के कारण यहां पर मरीजों की संख्या में कमी आई है। वहीं, पंचकर्म पद्धति से इलाज करवाने के लिए पहुंचे एक मरीज को विशेषज्ञ न होने के कारण वापस भेज दिया गया। इसके अलावा द्रंग हल्के के दुर्गम क्षेत्र चौहार घाटी के दुघां, बचगैंहण, कुफरी, हुंरग, झलवाड़ सहित लडभड़ोल क्षेत्र के खुड्डी, तुलाह, आयुष हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर में फार्मासिस्ट मरीजों की नब्ज टटोल रहे हैं।
---------------- सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों को बेहतर उपचार दिलाने के लिए अस्पताल प्रबंधन किसी भी प्रकार की कमी नहीं रख रहा है। मेडिसिन और सर्जन विशेषज्ञ चिकित्सक भी जल्द अस्पताल का कार्यभार संभालेंगे।
डा. रोशन लाल कौंडल, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर।
---------- लडभड़ोल क्षेत्र के सामुदायिक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और ईसीजी की सुविधा के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक के एक ही पद सृजित हैं। चिकित्सक अवकाश पर हो तो स्वयं मरीजों को देखती हूं।
डॉ अरुणा सिगला, खंड चिकित्साधिकारी, लडभड़ोल।
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पंचकर्म पद्धति से उपचार फिर शुरू करने के लिए महिला और पुरुष साचर जल्द नियुक्त किए जाएंगे। जिन आयुष हेल्थ एंड वेल्थ वेलनेस सेंटर में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के पद रिक्त हैं, वहां पर चिकित्सकों की तैनाती के लिए आयुर्वेद विभाग से पत्राचार किया जा चुका है।
डा. गोविद राम शर्मा, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी।