पैराग्लाइडिग में बीड़ बिलिग को मात देगी स्पैणीधार
जागरण संवाददाता मंडी अब पैराग्लाइडिग के लिए बीड़ बिलिग को सराज घाटी की स्पैणीधार टक्क
जागरण संवाददाता, मंडी : अब पैराग्लाइडिग के लिए बीड़ बिलिग को सराज घाटी की स्पैणीधार टक्कर देगी। इसकी वजह इसकी 9000 फीट की ऊंचाई है, जबकि बिलिग 8000 फीट की ऊंचाई पर है। तकनीकी कमेटी की मंजूरी के बाद बाद इसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। सरकार से मंजूरी आते ही यहां पर पैराग्लाइडिग आरंभ होगी।
स्पैणीधार में 23 अक्टूबर को पैराग्लाइडिग के लिए तकनीकी कमेटी ने निरीक्षण किया था। यहां पर लैंडिंग और टेक ऑफ साइट पैराग्लाइडिग के लिए बिल्कुल सही पाई गई हैं। यहां पर स्थानीय युवा भी पैराग्लाइडिग का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं तथा अन्य पर्यटन स्थलों पर पैराग्लाइडिग करवाते हैं। ऐसे में स्थानीय युवाओं को घर पर ही रोजगार मिलेगा। इसके अलावा अन्य पर्यटन की गतिविधियां भी बढ़ेंगी।
तकनीकी समिति में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक कर्नल नीरज राणा, वन मंडलाधिकारी गोहर टीआर धीमान और राजस्व अधिकारी शामिल थे। हालांकि इससे पहले करवाए गए ट्रायल फेल हुए थे, लेकिन अब साइट को तकनीकी रूप से सक्षम पाए जाने के बाद विभाग ने कार्रवाई आरंभ कर दी है। स्पैणीधार, सैटाधार और जंजैहली के अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। यहां अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसी कड़ी में पैराग्लाइडिग को यहां मंजूरी मिली है।
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पराशर के पास तीन नवंबर को होगा निरीक्षण
पराशर ऋषि मंदिर के पास भी पैराग्लाइडिग के लिए साइट देखी गई है। ऐसे में अब तीन नवंबर को तकनीकी कमेटी निरीक्षण करेगी और अगर यह सही पाई जाती है तो यहां पर भी पैराग्लाइडिग आरंभ करवाई जाएगी।
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स्पैणीधार में पैराग्लाइडिग को तकनीकी मंजूरी मिल गई है। सरकार को मामला भेजा गया है तथा वहां से साइट अप्रूव होते ही यहां पर पैराग्लाइडिग आरंभ करवाई जाएगी।
-पंकज शर्मा, उपनिदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी।