काम पर लौटे आउटसोर्स कर्मचारी
नेरचौक में आउटसोर्स कर्मियों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को दूसरे रोज भी जारी रहा। मंगलवार को काम पर लौटने के बाद विरोधस्वरूप काले बिल्ले लगा कर सेवाएं दी। मरीजों को पेश आ रही परेशानी को देखते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों ने कार्य पर आने का फैसला लिया। नेरचौक मेडिकल कालेज के अस्पताल में आउटसोर्स के माध्यम से करीब 75 कर्मी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन 3 लैब असिस्टेंट कंपनी द्वारा हटाए जाने के विरोध स्वरूप सोमवार को आउटसोर्स कर्मियों ने एकजुटता का प्रमाण देते हुए काम पूर्ण तरह से बंद कर दिया था। आउटसोर्स कर्मियों के प्रधान डिणे राम ने कहा कि कंपनी उनके साथ हुए करार को अनदेखा कर रही है और उन्हें सीधे काम से हटा रही है। प्रदेश सरकार से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थाई नीति बनाई जाए जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो स
सहयोगी, नेरचौक : लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक (मंडी) में आउटसोर्स कर्मियों का विरोध मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार को काम पर लौटने के बाद विरोधस्वरूप काले बिल्ले लगा कर सेवाएं दी। मरीजों को पेश आ रही परेशानी को देखते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों ने कार्य पर आने का फैसला लिया।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स के माध्यम से करीब 75 कर्मी सेवाएं दे रहे हैं। तीन लैब तकनीशियन कंपनी द्वारा हटाए जाने के विरोध स्वरूप सोमवार को आउटसोर्स कर्मियों ने एकजुटता का प्रमाण देते हुए काम पूर्ण तरह से बंद कर दिया था। आउटसोर्स कर्मियों के प्रधान डिणे राम ने कहा कि कंपनी उनके साथ हुए करार को अनदेखा कर रही है और उन्हें सीधे काम से हटा रही है। प्रदेश सरकार से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। मेडिकल कॉलेज शुरू होने के समय जब कर्मचारियों की आवश्यकता थी उस दौरान उन्होंने दिन रात काम करने नेरचौक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल चलाने में अपना सहयोग दिया है। लेकिन अब जब सरकार के माध्यम से पद भरे जा रहे हैं तो उनको हटाया जा रहा है। यह तर्कसंगत नहीं है। सरकार उनके लिए कोई स्थाई नीति बनानी होगी। जब तक हटाए गए कर्मियों को वापस काम पर नहीं रखा जाता उनका शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा और आने वाले समय में वह स्थानीय विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मिलेंगे।