सरकाघाट में प्याज की रिकार्ड फसल से किसान मालामाल
संवाद सहयोगी सरकाघाट जापान इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी के सहयोग से शुरू की गई फस
संवाद सहयोगी, सरकाघाट : जापान इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी के सहयोग से शुरू की गई फसल विविधिकरण प्रोत्साहन योजना किसानों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है। सरकाघाट क्षेत्र में योजना का लाभ उठाते हुए किसानों ने इस बार प्याज की फसल की बंपर पैदावार की है। खंड परियोजना प्रबंधन इकाई सरकाघाट द्वारा 29 उप परियोजनाओं में 389.44 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सिचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में फसल विविधकरण को प्रोत्साहन देते हुए किसानों की आय को बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत उठाऊ जल सिचाई परियोजना धमेला में सबसे पहले सिचांई सुविधा प्रदान की गई। इसके उपरांत सब्जी उत्पादन एवम सरंक्षण सम्बंधित तकनीकी ज्ञान संग्रहण तथा किसानों की उत्पादकता एवं आय बढ़ाने के लिए समय समय पर विभिन्न प्रकार की प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रक्षेत्र प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। उप परियोजना के तहत किसानों को अनेक प्रकार के लाभ जैसे की सिचाई की सुनिश्चित आपूर्ति, नि:शुल्क बीज और खेती से संबधित कार्यों के लिए ट्रेक्टर, पावर टीलर, ब्रश कटर, स्प्रे पंप आदि मशीनरी उपलब्ध करवाकर किसानों को सब्जी उगाने के लिए जायका परियोजना के अधिकारियों व कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रोत्साहित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत उठाऊ जल सिचाई उप परियोजना में कुल कृषि योग्य क्षेत्र 10.82 हेक्टेयर हैं जिसके रबी सीजन में लगभग 4.72 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियां उगाई गई जिसमे मुख्य रूप से सब्जियों जैसे प्याज, फूल गोभी, ब्रोकली, लेटुस, प्याज तथा लुहसन की खेती की गई। सरकाघाट उपमंडलके धमेला उप परियोजना में 38 लाभार्थी परिवार हैं जिनमें से अधिकतर किसान सब्जी उत्पादन का कार्य कर रहे है। वर्ष 2020-2021 के रबी सीजन में किसानों द्वारा प्याज, फूलगोभी, लहसुन, मटर, इत्यादि सब्जियां उगाकर खूब लाभ कमाया जिसमें मुख्य रूप से प्याज की बंपर पैदावार हुई जिससे किसान काफी खुश हैं। इस दौरान किसानों द्वारा लगभग एक हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल प्रदर्शनी के तहत प्याज उगाया गया जिससे किसानों को लगभग 300 क्विंटल उत्पादन प्याज का उत्पादन हुआ। किसानों को घर पर रहकर ही 25 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम प्याज की कीमत मिल रही है जिसके आने वाले समय में बढ़ने के पूरी उम्मीद किसानों को है। धमेला के सोहन लाल, मेहर चंद, प्रदीप कुमार तथा अन्य किसानों ने प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया है तथा बताया कि जायका परियोजना के कारण ही उनकी आर्थिकी में सुधार हो पाया है।