300 लोगों का पालनहार एक परिवार
मुकेश मेहरा मंडी मंडी जिले के टकोली में 1974 में दो लोगों द्वारा शुरू किया गया हथकरघा
मुकेश मेहरा, मंडी
मंडी जिले के टकोली में 1974 में दो लोगों द्वारा शुरू किया गया हथकरघा के काम से अब करीब 300 लोगों को घर पर ही रोजगार मुहैया करवाया है। टकोली के नरोत्तम राम ने अपने पिता भीमराम के शाल, मफलर बनाने के काम को आगे बढ़ाते हुए नरोत्तम हैंडलूम इंडस्ट्री टकोली और अब उनके बेटे गुलाब चंद ने गुलाब शाल इंडस्ट्री स्थापित कर प्रत्यक्ष रूप से 70 और परोक्ष रूप से 230 लोगों को काम दिया जा रहा है। यह परिवार गांव के 300 लोगों का पालनहार बना है।
नरोत्तम राम को 2015 में हथकरघा में बेहतर योगदान के लिए संत कबीर के सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। नरोत्तम बताते हैं कि उनके पिता भीमराम शाल बनाने का काम करते थे। वह इसमें उनका सहयोग करते थे। इसके बाद 2000 में उन्होंने टकोली में ही छोटा कारखाना खोलने के लिए सरकार की योजना के तहत ऋण लिया और नरोत्तम हैंडलूम इंडस्ट्री स्थापित की। जो स्थानीय लोग इस काम को जानते थे उनको अपने साथ जोड़ा। आरंभ में चार पांच लोग ही जुड़े, लेकिन अब इनकी 30 से अधिक है।
कारखाने में काम करने वाले लोगों को महीने का आठ से 10 हजार रुपये तक आसानी कमाते हैं। इनको पूरा दिन काम करने की बंदिश भी नहीं है। इसके अलावा टकोली व आसपास के करीब 120 लोगों को भी धागे आदि शाल, मफलर व टोपी बनाने के लिए दिए जाते हैं और उसी आधार पर उनको पैसे दिए जाते हैं। इसी तरह इनके बेटे गुलाब चंद ने भी 10 साल पहले गुलाब हैंडलूम इंडस्ट्री स्थापित कर 150 के करीब गांव के लोगों रोजगार दिया है।