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सीवरेज का काम हुआ, न बना कूड़ा संयंत्र

भुताशन शर्मा सरकाघाट नगर पंचायत से नगर परिषद बनी सरकाघाट में प्रतिनिधियों ने पांच साल

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 04:23 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 04:23 PM (IST)
सीवरेज का काम हुआ, न बना कूड़ा संयंत्र
सीवरेज का काम हुआ, न बना कूड़ा संयंत्र

भुताशन शर्मा, सरकाघाट

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नगर पंचायत से नगर परिषद बनी सरकाघाट में प्रतिनिधियों ने पांच साल में केवल वादों में ही निकल गए। 1996 से लंबित सीवरेज योजना का लाभ इस बार भी लोगों को नहीं मिल पाया है। कूड़ा संयंत्र व स्लाटर हाउस बनाने के दावे भी केवल कागजी ही साबित हुए हैं। पार्किंग भी सिर्फ दो मंजिला बनी उसका भी लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है।

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छह से 32 करोड़ पहुंची सीवरेज योजना की लागत

सरकारघाट को 1985 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। इस बार इसे नगर परिषद का दर्जा मिला है। 1996 में सरकाघाट में छह करोड़ रुपये की सीवरेज योजना स्वीकृत हुई थी। 2008 में इसका काम शुरू हुआ। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इसके लिए 16 करोड़ रुपये स्वीकृत किए, लेकिन आज भी 40 प्रतिशत लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। लागत भी छह करोड़ रुपये से बढ़कर 32 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

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स्लाटर हाउस के लिए भूमि चयन भी नहीं हुआ

स्लाटर हाउस बनाने के लिए 20 साल से प्रक्रिया शुरू करने के दावे किए जा रहे हैं। अभी तक इसके निर्माण कार्य के लिए भूमि का चयन ही नहीं हो पाया है। प्रतिदिन सुबह कई भेड़-बकरियां खुले में काटी जाती हैं।

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आश्वासनों तक सिमटा कूड़ा संयंत्र

कूड़ा संयंत्र केवल आश्वासनों में ही निपट गया है। वर्तमान समय तक यह कूड़ा-कचरा वार्ड-एक टटीह के पास बगड़नाला में सड़क के किनारे खुले में फेंक दिया जाता है। बेहसारा पशु इसमें मुंह मारते रहते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इस बार वे उसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे जो उनकी सभी समस्याओं को हल करने का पक्का आश्वासन दे।

नगर पंचायत के अध्यक्ष संदीप वशिष्ठ का कहना है कि उन्हें केवल तीन वर्ष का कार्यकाल मिला था। उन्होंने नगर परिषद का चहुंमुखी विकास करवाया है जो समस्त जनता के सामने है।

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नगर परिषद बनने से अब सरकार की ओर से अनेक योजनाओं के लिए बजट प्रावधान होगा। अध्यक्ष पद पर वही व्यक्ति आसीन होना चाहिए जो पढ़ा लिखा और मृदुभाषी व ईमानदारी से काम करने वाला हो।

-राजेश कौंडल, निवासी वार्ड तीन कलशी।

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नगर परिषद चुनाव में शिक्षित, ईमानदार, मृदुभाषी और काम करने की क्षमता रखने वाले उम्मीदवार को ही वोट दिया जाएगा। नगर परिषद बनने का लाभ लोगों को तभी मिलेगा जब विकास कार्य होंगे।

-प्रदीप ठाकुर, निवासी टटीह वार्ड।

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नगर पंचायत में इस बार उम्मीद के मुताबिक काम नहीं दिखा है। सरकार ने नगर परिषद का दर्जा दिया है तो वोट प्रत्याशी की योग्यता को देखकर ही देंगे। साथ ही अन्यों को भी इस बारे में जागरूक करेंगे।

-पवन प्रेमी, निवासी वार्ड दो रामनगर।

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कूड़ा संयंत्र, सीवरेज व्यवस्था और पार्किंग वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण सुविधाएं शहरी निकाय के क्षेत्र की हैं। इस बार जो प्रत्याशी हो वह इन पर सबसे पहले ध्यान दे। नगर परिषद स्वच्छ होगी तो विकास भी दिखेगा।

-अश्वनी गुलेरिया, निवासी वार्ड छह रोपा कॉलोनी।


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