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नगर परिषद मंडी, नेरचौक व प्लानिंग क्षेत्र को मिलाकर बनेगा नगर निगम

जागरण संवाददाता मंडी पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के चुनाव नजदीक आते ही प्रदेश्

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 05:52 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:19 AM (IST)
नगर परिषद मंडी, नेरचौक व प्लानिंग क्षेत्र को मिलाकर बनेगा नगर निगम
नगर परिषद मंडी, नेरचौक व प्लानिंग क्षेत्र को मिलाकर बनेगा नगर निगम

जागरण संवाददाता, मंडी : पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के चुनाव नजदीक आते ही प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी छोटी काशी में नगर निगम बनाने की कवायद तेज हो गई है। नगर परिषद मंडी क्षेत्र के बाशिंदे व पार्षद कई साल से नगर निगम के दर्जे की मांग उठा रहे हैं। कुछ समय पहले सांसद रामस्वरूप शर्मा व पार्षदों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रस्ताव सौंपा था। मुख्यमंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन भी दिया था।

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मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में नगर निगम के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने से छोटी काशी के लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। नगर निगम के लिए 50 हजार आबादी व सालाना दो करोड़ आय चाहिए। नगर परिषद मंडी की वार्षिक आय दो करोड़ से अधिक है, मगर 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी 26 हजार है। आबादी की शर्त पूरी करने के लिए प्रशासन व सरकार अनेक विकल्पों पर विचार कर रही है।

विकल्प एक में नगर परिषद मंडी, नेरचौक व प्लानिग क्षेत्र को मिलाकर निगम का गठन हो सकता है। नगर परिषद नेरचौक में 11 वार्ड हैं। आबादी 16 हजार है। मंडी शहर के साथ लगते प्लानिग क्षेत्र सन्यारढ़ी, बाड़ी, तल्याहड़, भ्यूली, नेला, छिपणु व बिजणी में आदि की आबादी 10600 है। तीनों क्षेत्रों की आबादी 52600 बनती है।

दूसरे विकल्प में प्लानिग क्षेत्र की अरढ़ा, बाड़ीगुमाणु, सन्यारढ़ी, बिजणी, तल्याहड पंचायत का पूरा क्षेत्र व भ्रौण पंचायत का एक वार्ड निगम में शामिल करने पर भी मंथन हो रहा है। तीसरे विकल्प में आइआइटी कमांद तक के क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है। चौथे विकल्प के तौर पर नगर परिषद मंडी, नेरचौक व सुंदरनगर को मिला ग्रेटर नगर निगम का गठन हो सकता है। इससे यहां स्मार्ट सिटी बनाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

केंद्र सरकार से विभिन्न विकास कार्यों के लिए पैसा मिलने से मंडी, नेरचौक व सुंदरनगर शहर में विकास के नए आयाम स्थापित हो सकते हैं। तीनों नगर परिषदों की सीमाओं में सात से आठ किलोमीटर का फासला है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद इस मामले का देख रहे हैं। चारों विकल्पों में कौन सा सबसे बेहतर होगा उस पर अंतिम निर्णय वही लेंगे।

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नगर निगम के गठन के लिए प्रशासन की तरफ से कई सुझाव दिए गए हैं। कम से कम 50 हजार आबादी चाहिए। कौन सा विकल्प सही होगा सरकार इस पर निर्णय लेगी।

-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी।


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