पर्यवेक्षकों ने हर वार्ड के प्रभारी से बंद कमरे में ली गई फीडबैक
जागरण संवाददाता मंडी नगर निगम मंडी के चुनाव के लिए भाजपा सक्रिय हो गई है। मंगलवार को
जागरण संवाददाता, मंडी : नगर निगम मंडी के चुनाव के लिए भाजपा सक्रिय हो गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ओएसडी शिशुधर्मा, विस्तारक सुरेश शर्मा व जिला परिषद मंडी के अध्यक्ष पाल वर्मा ने शहर के एक होटल में सभी 15 वार्डों के प्रभारियों से बंद कमरे में अलग-अलग से फीडबैक ली। पार्टी नेतृत्व ने तीनों को प्रभारियों से फीडबैक लेने का जिम्मा सौंपा था। तीनों अब रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेंगे। इसी रिपोर्ट के आधार पर टिकट तय होंगे।
इसके बाद तीनों ने जिला व सदर मंडल के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। वहीं भाजपा महिला मोर्चा मंडी की बैठक में प्रदेश सचिव मांचली ठाकुर ने पदाधिकारियों को चुनाव से संबंधित टिप्स दिए। नगर निगम के 15 से आठ वार्ड सामान्य व अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इसे देखते हुए महिला मोर्चा की पदाधिकारियों को डोर-टू-डोर प्रचार का जिम्मा सौंपा गया। बैठक में भाजपा जिला अध्यक्ष रणवीर सिंह, महामंत्री प्रियंता शर्मा व मोर्चा की अध्यक्ष सुमन ठाकुर भी उपस्थित रही।
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भाजपा को मिली थी मात्र तीन सीटें
पांच साल पहले हुए नगर परिषद मंडी के चुनाव में भाजपा को 13 में से मात्र तीन सीटें मिली थी। नौ सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी विजयी रहे थे। एक सीट पर हिलोमो संस्थापक पूर्व सांसद महेश्वर सिंह की समर्थक विजयी रही थी। अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की नीलम शर्मा व अलकनंदा हांडा के बीच मुकाबला हुआ था। बाजी नीलम शर्मा के हाथ लगी थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में पंडित सुखराम परिवार कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गया। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने अपनी पार्टी का भाजपा का विलय कर दिया। विधानसभा चुनाव में बाजी भाजपा के हाथ लगी तो नगर परिषद मंडी में भी राजनीतिक समीकरण बदल गए। पूर्व मंत्री अनिल शर्मा के साथ पांच कांग्रेस समर्थित पार्षद पलटी मार भाजपा में चले गए। इससे नीलम शर्मा को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। पैलेस कॉलोनी प्रथम वार्ड से विजयी सुमन ठाकुर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुई थी। उपाध्यक्ष पद अनिल शर्मा समर्थक वीरेंद्र भट्ट को मिला था। नगर परिषद अब स्तरोन्नत होकर नगर निगम बन चुका है। 13 के बजाय 15 वार्ड हो गए हैं। क्षेत्र व वोटर दोगुना बढ़ चुका है। पूर्व मंत्री अनिल शर्मा अपना अलग रास्ता चुन लिया है। वर्तमान समीकरणों को मद्देनजर रखते हुए भाजपा ने निगम में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।