52 कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं को मिला नया जीवन
नेरचौक मेडिकल कॉलेज की डाक्टरों की टीम कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए फरिश्ता बनी है।
जागरण संवाददाता, मंडी : नेरचौक मेडिकल कॉलेज की डाक्टरों की टीम कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए फरिश्ता बनी है। मई से अब तक मेडिकल कॉलेज में 52 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हुई जो कोरोना संक्रमित थीं। इनको विभिन्न जिलों से यहां रेफर किया गया था। इनमें 20 की नॉर्मल व 32 की ऑपरेशन के माध्यम से डिलीवरी करवाई गई।
अप्रैल में इस अस्पताल को डेडिकेटिड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था। अस्पताल में मई में पहला मामला कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का आया था। इसके बाद 52 डिलीवरी में जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहे। केवल दो बच्चे संक्रमित पाए गए थे जो बाद में ठीक हो गए। इस काम में अस्पताल के विशेषज्ञ डाक्टरों व अन्य सहयोगियों ने बेहतरीन काम किया है। कोरोनाकाल में प्रदेश के किसी भी अस्पताल में से नेरचौक अस्पताल में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं और सबसे ज्यादा कोविड मरीज इस अस्पताल से ठीक भी हुए हैं।
अस्पताल मंडी के साथ-साथ कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और लाहुल-स्पीति के अलावा चंबा के पांगी क्षेत्र के मरीजों को सेवाएं दे रहा है।
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बुजुर्गो ने जीती कोरोना से जंग
कोरोना संक्रमण की जद में आए सात बुजुर्गो जिनकी उम्र 50 से 78 वर्ष के बीच थी, ने कोरोना को हराया। उनको अस्पताल से छुट्टी दी गई है और सात दिन तक घर में आइसोलेट रहने को कहा गया है। इनमें राकेश धीमान, रामेश्वरी, चुईनचिन देवी, हेमराज, महेश गुप्ता, मनोज, लीला देवी शामिल हैं।
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मेडिकल कॉलेज के टीम कोरोना मरीजों के बचाव में बेहतरीन काम कर ही है। 52 कोरोना संक्रमितों गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के साथ-साथ यहां भर्ती अधिकतर मरीजों को ठीक करके घर भेजा गया है।
डा. जीवानंद चौहान, एमएस मेडिकल कॉलेज मंडी।