मनरेगा में बनेंगे पार्क, सड़कों का होगा निर्माण
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज व नाचन में मनरेगा टूरिज्म का नया फार्मूला खूब चमक
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज व नाचन में मनरेगा टूरिज्म का नया फार्मूला खूब चमका है। जो कार्य पर्यटन व वन विभाग करते थे, उनको गोहर ब्लॉक में मनरेगा के तहत करवाया गया है। मुरहाग व देवीदड़ पंचायत में पार्क का निर्माण सहित सड़कों व पुलों का काम करवाया गया है। बीडीओ गोहर निशांत शर्मा पंचायत प्रधानों के सहयोग से योजनाओं को अमलीजामा पहना रहे हैं। कमरूनाग देवता मंदिर तक सड़क बनने के बाद अब पांच मंदिरों के आसपास पार्क व दो नई सड़कें बनने जा रही हैं। सराज पहला ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां पर मनरेगा के तहत दो करोड़ रुपये खर्च कर टारिंग का काम किया गया है। इन्हीं पहलुओं पर बीडीओ गोहर निशांत शर्मा से दैनिक जागरण के मुकेश मेहरा ने बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश..
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मुरहाग व देवीदड़ पंचायत में पार्कों के बाद आगे क्या योजना है?
क्षेत्र में कई देव स्थल हैं। इनमें से पांच से छह देव स्थलों में पार्कों का निर्माण होगा। इस पर 60 से 70 लाख खर्च होंगे। पंचवटी में होने वाला काम मनरेगा के तहत होगा। यह पार्क देवबालाकामेश्वर, देव कमरूनाग मंदिर, गढ़ शकरैणी, लंबोदरी माता मंदिर, चमोनी नाला व छोई वाटर फाल के पास बनने हैं।
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मनरेगा में सड़क निर्माण को किस तरह से तरजीह दी गई है?
मनरेगा के तहत सड़क निर्माण का प्रावधान है, लेकिन टारिंग इसमें पहली बार कमरूनाग देवता मंदिर के लिए बनाई गई सड़क पर की गई। इसके बाद अब शरण पंचायत में तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही रेनगलु में भी सड़क निर्माण करने के लिए प्रस्ताव डाला है। शरण पंचायत का कार्य आरंभ हो जाएगा। अभी तक यहां पर घरोट पंचायत में 81 मीटर व कुटाहची में 45 मीटर लंबा पुल और शाला पंचायत में चार कमरों का रेस्ट हाउस का निर्माण किया जा चुका है। इससे 6100 से अधिक कार्य दिवस अर्जित कर 300 से अधिक लोगों को रोजगार मिला।
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इन कार्यों को किस तरह से अंजाम दिया जाता?
सबसे पहले पंचायत प्रधानों से चर्चा करते हैं और प्रधानों की मांग के अनुसार प्रस्ताव डाला जाता है। अगर कहीं पार्क, सड़क या अन्य कुछ कार्य होना है तो इसका लाभ आम जनता को भी मिले। यहां पर्यटन की आपार संभावनाएं है।
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अब तक कितने लोगों को रोजगार मिला है?
मुरहाग पार्क इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। यहां पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पार्क के आसपास बनी दुकानें दी गई हैं। साथ ही यहां पर बनने वाले स्थानीय व्यंजनों व ऊनी कपड़ों आदि जो महिलाएं बनाती हैं वह भी इन दुकानों पर बेच सकती हैं। इससे उनको अपरोक्ष रूप से 100 से अधिक महिलाओं को आय का साधन मिला है।
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अन्य जिलों में भी मनरेगा टूरिज्म पर काम हो रहा है, इसके लिए आपकी क्या मदद रहती है?
प्रदेशभर के बीडीओ मुरहाग पार्क का दौरा कर रहे हैं। उनको बताया जाता है कि मनरेगा के तहत छोटे छोटे कामों के एक साथ करके कैसे पार्क आदि का निर्माण हो सकता है। अभी तक दस से अधिक अधिकारी दौरा कर चुके हैं।
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मनरेगा में और क्या-क्या काम हो रहे हैं
मनरेगा के तहत पंचायत मोवीसेरी में चैक डेम बनाकर सौर उठाऊ पेयजल योजना, मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत बहुद्देशीय भवन जिसमें महिला मंडल, युवक मंडल व सराय इत्यादि का निर्माण किया गया है। शाला, मनरेगा कन्वर्जेंस में मुरहाग में आंगनबाड़ी भवन, शाला व बग्सयाड़ में स्कूल भवन, रास्तों की फेंसिग, किचन शेड, महिला स्वयं सहायता समूह भवन का निर्माण किया गया है।