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रिवालसर छेश्चु मेले में फीकी रही रौनक

बौद्ध श्रद्धालुओं की आमद बहुत कम होने से मेले की रौनक फीकी है ।पर्व के दूसरे दिन भारी बारिश ने खलल डाला ।जिसकी वजह से रिवालसर में आए बौद्ध श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा ।भारी बारिश व ठंड से कुछ लोगों को ठिठुरते देखा गया ।पर्व के आयोजन को हालांकि जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है । लेकिन इस पर्व का धार्मिक महत्व होने के कारण इस पर्व का मुख्य आकर्षण रिवालसर की प्राचीन बौद्ध मोनेस्ट्री हुआ कर

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 08:49 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 08:49 PM (IST)
रिवालसर छेश्चु मेले में फीकी रही रौनक
रिवालसर छेश्चु मेले में फीकी रही रौनक

सहयोगी, रिवालसर : रिवालसर छेश्चु मेले में इस बार बौद्ध श्रद्धालुओं की आमद बहुत कम होने से मेले की रौनक फीकी है। पर्व के दूसरे दिन भारी बारिश ने खलल डाला। जिसकी वजह से रिवालसर में आए बौद्ध श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भारी बारिश व ठंड से कुछ लोगों को ठिठुरते देखा गया। पर्व के आयोजन को हालांकि जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। लेकिन इस पर्व का धार्मिक महत्व होने के कारण इस पर्व का मुख्य आकर्षण रिवालसर की प्राचीन बौद्ध मोनेस्ट्री हुआ करती थी। लेकिन इस बार इस प्राचीन बौद्ध मठ के प्रबंधकों में तालमेल न होने व धार्मिक तौर पर बेहतर प्रबंधन व इस पर्व के प्रचार प्रसार न होने से बौद्ध श्रद्धालुओं ने इस बार रिवालसर में इस मेले में शिरकत करने से किनारा किया हुआ है। बौद्ध गुरु के आगमन पर हर वर्ष की भांति रिवालसर के प्रवेश द्वार पर स्वागत के लिए इस बार तोरणद्वार तक नही लगाए गए। रिवालसर में भूटान से आये बौद्ध गुरु के धार्मिक प्रवचन के लिए लगाये पंडाल में भी बौद्ध श्रद्धालुओं की अपेक्षा के अनुरूप भीड़ देखने को नहीं मिल रही है। मेले के दूसरे दिन बौद्ध श्रद्धालुओं ने रिवालसर की विभिन्न गोंपाओं के दर्शन किए। कुछ श्रद्धालुओं ने रिवालसर सरकीधार में पदमसंभव गुफा के दर्शन किए। मेले का समापन आज एसडीएम बल्ह करेंगे।

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