मंडी-कुल्लू में लड़कियों का दबदबा, मेरिट में चार स्थानों पर कब्जा
सालभर की मेहनत महीनों का इंतजार और जिंदगी भर का इनाम।
जागरण टीम, मंडी/कुल्लू : सालभर की मेहनत, महीनों का इंतजार और जिंदगी भर का इनाम। मौका था प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं के परीक्षा परिणाम का, जिसमें लड़कियों ने एक बार फिर दबदबा कायम किया। हालांकि लड़के भी पीछे नहीं रहे। मंडी-कुल्लू की लड़कियों ने साबित कर दिया कि वे किसी भी सूरत में लड़कों से पीछे नहीं रहेंगी। मंडी की निशा, मनाली की लैला, कुल्लू का अनमोल, जोगेंद्रनगर की वंशिका, पद्धर का आयुष व मंडी की चेतना..ये वो नगीने हैं जो इस बार के परीक्षा परिणाम में चमके हैं।
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ऑटो चालक की बेटी निशा दूर करेगी मरीजों का दर्द
मंडी : हौसले बुलंद हों तो हालात कभी कदम नहीं रोक सकते। यह साबित किया है स्वामी विवेकानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल रामनगर की निशा ने। निशा ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 700 में से 689 नंबर हासिल कर पांचवां स्थान हासिल किया है। निशा के पिता संदीप कुमार मंडी में ऑटो चलाते हैं और माता रोशनी देवी गृहणी हैं। निशा बताती हैं कि वह दिन में पांच से सात घंटे पढ़ाई करती थी। उसे स्कूल प्राचार्य वीरेंद्र कुमार और स्कूल स्टाफ का पूरा सहयोग मिलता था। निशा डॉक्टर बनना चाहती है और उसके लिए उसने परिणाम निकलने से पहले ही स्कूल में मेडिकल संकाय में 11वीं कक्षा में दाखिला ले लिया है। उसने सफलता का श्रेय प्राचार्य, स्टाफ और माता-पिता को दिया।
वहीं, प्रधानाचार्य वीरेंद्र जम्वाल ने कहा कि निशा पढ़ने में होनहार है। उन्होंने पहले ही घोषणा की थी कि जो बच्चा स्कूल का दसवीं में टॉपर आएगा उसकी जमा एक व दो की पढ़ाई मुफ्त होगी। अब निशा की पूरी पढ़ाई में कोई फीस नहीं ली जाएगी और किताबें भी स्कूल की ओर से ही मुहैया करवाई जाएंगी।
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शिक्षक बनना चाहती है सेफ की बेटी लैला
जागरण संवाददाता, मनाली : 700 में से 687 अंक लेकर पांचवां स्थान प्राप्त करने के बाद कुल्लू जिला की टॉपर रही लैला शिक्षक बनकर ज्ञान की लौ जलाना चाहती है। उसका कहना है कि इंजीनियर, डॉक्टर व प्रशासनिक सेवाओं में जाने का द्वार एक योग्य व कर्मठ शिक्षक ही दिखा सकता है। लैला ने कहा कि सफलता का श्रेय वह अपने शिक्षकों व माता-पिता को देती है, जिन्होंने समय-समय पर उसका मार्गदर्शन किया। वह लक्ष्य को पाने के लिए हर दिन घर पर पांच घंटे पढ़ाई करती थी। स्कूल में अतिरिक्त कक्षाओं व शिक्षकों की ओर से दिए गए टिप्स परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित करने में सहायक बने। उसके पिता मुहम्मद अली एक होटल में सेफ हैं जबकि माता गृहणी हैं। स्कूल प्रधानाचार्य आरएस राणा ने लैला व अध्यापकों सहित माता-पिता को बधाई दी।
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का बेटा अनमोल बनेगा डॉक्टर
संवाद सहयोगी, कुल्लू : आखिर अनमोल की मेहनत रंग लाई। मध्यम वर्गीय परिवार में पिता ने कड़ी मेहनत कर अनमोल को कुल्लू के भारत भारती वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में नर्सरी से पढ़ाया। अनमोल का सपना है कि वह आगे चलकर चिकित्सक बनेगा और लोगों की सेवा करेगा। कुल्लू के शीशामाटी के रहने वाले अनमोल ने 686 अंक प्राप्त कर मेरिट में छठा स्थान प्राप्त किया है। अनमोल ने बताया कि वह परीक्षा के दौरान आठ से नौ घंटे पढ़ाई करता था। परिवार का बहुत सहयोग मिला। हालांकि उसे यकीन नहीं था कि वह मेरिट में आएगा। अनमोल के पिता राज कुमार होमगार्ड में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। घर में दादी, माता अनिता और एक बड़ा भाई अभिषेक है। उधर विद्यालय प्रधानाचार्य निरंजन शर्मा ने बताया कि अनमोल शुरू से ही एक अच्छा छात्र रहा है। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता है। अभी जमा एक कक्षा में इसी स्कूल में मेडिकल में प्रवेश लिया है।
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वैज्ञानिक बनना सपना है लैब असिस्टेंट की बेटी वंशिका का
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : होली फादर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल सैंथल की छात्रा वंशिका ने मेरिट में 683 अंक लेकर नौंवा स्थान हासिल कर परचम लहराया है। वह दिन में 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थी। वंशिका के पिता उत्तम शर्मा सरकारी स्कूल में लैब असिस्टेंट हैं। माता अंबिका शर्मा गृहणी हैं। वंशिका कहती है कि शिक्षकों और माता-पिता के मार्गदर्शन से ही उसने दसवीं में यह मुकाम हासिल किया है। उसकी अध्यापिका वंदना शर्मा, रचना, नेहा, हेमलता और अनूप द्वारा उनका बेहतर मार्गदर्शन किया गया। वह आगे चलकर वैज्ञानिक बनाना चाहती है। वंशिका ने परिणाम आने से पहले ही 11वीं कक्षा के विज्ञान संकाय में दाखिला लिया है। स्कूल के एमडी नरेश खनोडिया और प्राचार्य लीला खनोडिया ने बताया कि वंशिका होनहार छात्रा है और उन्हें पूरा विश्वास था कि वह परिवार के साथ-साथ स्कूल का भी नाम रोशन किया है। वंशिका को स्कूल प्रशासन ने मिठाई खिलाई।
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शिक्षक का बेटा आयुष ठाकुर बनेगा डॉक्टर
सहयोगी, पद्धर : असेंट पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र आयुष ठाकुर ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में नौंवा स्थान हासिल कर स्कूल का नाम रोशन किया है। आयुष बताते हैं कि वह आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहते हैं। चौहारघाटी के सुधार पंचायत के रहने वाले इनके पिता शेर सिंह और माता उमा ठाकुर दोनों अध्यापक हैं। आयुष ने बताया कि माता-पिता और शिक्षकों ने उसका बेहतर मार्गदर्शन किया। उसने जमा एक में नॉन मेडिकल/मेडिकल (दोनों) की पढ़ाई शुरू कर दी है। वहीं, स्कूल के एमडी गुलाब सिंह चौहान और प्रधानाचार्य विश्व सिंह ठाकुर ने बताया कि आयुष ठाकुर शुरू से ही पढ़ने में बेहतर छात्र रहा है और उसकी मेहनत और शिक्षकों के मार्गदर्शन के आज उसने अपने परिवार सहित स्कूल का नाम रोशन किया है।
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दुकानदार की बेटी चेतना डॉक्टर बन करेगी मरीजों की सेवा
जागरण संवाददाता, मंडी : जिला मुख्यालय के साथ लगते साइगलू में स्थित ओजस पब्लिक स्कूल की छात्रा चेतना ने मेरिट में 10वां स्थान हासिल कर स्कूल और स्वजनों का नाम रोशन किया है। चेतना कसाण गांव की निवासी है। चेतना के पिता बाला दत्त दुकानदार हैं और माता ललिता देवी गृहणी हैं। चेतना बताती है कि वह घर पर लगभग आठ से नौ घंटे पढ़ाई करती थी। स्कूल प्राचार्य ललित कुमार सहित स्टाफ का उसे हमेशा पूरा सहयोग मिला है। चेतना अब डॉक्टर बनना चाहती है। वहीं चेतना के दादा नागरदेव और दादी पार्वती देवी उसकी सफलता से बेहद खुश हैं। पिता ने बताया कि बेटी ने सिर फख्र से ऊपर कर दिया है। स्कूल प्रधानाचार्य ललित कुमार ने कहा कि चेतना पढ़ने में होनहार है और शिक्षकों के बेहतर मार्गदर्शन में उसने स्कूल का नाम रोशन किया है। उन्होंने चेतना को बधाई दी है।