सरकार की अनदेखी से आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट महासंघ खफा
प्रदेश सरकार के द्वारा आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों को वेतनमान पर लबें अरसे से अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड अपनाने पर प्रदेश फार्मासिस्ट महासंघ खफा है और अब प्रदेश के सैंकड़ों आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों की लंबित मांग को अबिलंब पूरा करने की मांग जोर पकड़ने लग पड़ी है। प्रदेश के सैंकड़ों आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से ऐलोपेथिक फार्मासिस्ट की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग की है यही नहीं मांगों की अनदेखी करने पर प्रदेश आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट महासंघ ने जनांदोलन की भी चेतावनी दे डाली है। शुक्रवार को जिला आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट महासंघ मंडी के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने प्रदेश सरकार का ध्यान केंद्रित करते हुए कहा प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत फार्मासिस्ट
जागरण संवाद केंद्र, जोगेंद्रनगर :
प्रदेश सरकार के द्वारा आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट को वेतनमान पर लबें अरसे से अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड अपनाने पर प्रदेश फार्मासिस्ट महासंघ खफा है। प्रदेश के आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से एलोपेथिक फार्मासिस्ट की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग की है। यही नहीं मांगों की अनदेखी करने पर प्रदेश आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट महासंघ ने जन आंदोलन की भी चेतावनी दे डाली है।
शुक्रवार को जिला आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट महासंघ मंडी के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत फार्मासिस्ट वर्ग को शुरूआती वेतनमान दस हजार 3 सौ और आखिरी 34 हजार 8 सौ में ग्रेड पे 42 सौ, वहीं चीफ फार्मासिस्ट को 46 सौ ग्रेड पे दिया जा रहा है। लेकिन आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट को शुरूआती 5910 आखिरी 20 हजार तथा ग्रेड पे तीन हजार क्रमश: मुख्य फार्मासिस्ट को दस हजार तीन सौ और 38 सौ ग्रेड पे देकर दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। सरकार की इस कार्य प्रणाली से आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट भड़क चुके हैं। कहा कि दोनों ही विभागों में तैनात फार्मासिस्ट उपचार के दौरान मरीजों को एक जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं बावजूद उसके वेतनमान पर अलग-अलग मापदंड आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों के लिए एक धोखा है।