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सिविल अस्पताल सरकाघाट खुद बीमार

नागरिक अस्पताल सरकाघाट में चिकित्सकों के आठ पद खाली पड़े हुए हैं। ये पद कई वर्षों से खाली चल रही है। इस कारण यह रेफरल अस्पताल बन कर गया है। चार हालकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले इस अस्पताल में अनेक मूलभूत सुविधाओं की कमी है जिसका खमियाजा यहां आने वाले रोगियों को भुगतना पड़ता है। अस्पताल का इनडोर भवन करीब 50 वर्ष पुराना है और इसकी टीन की छत लाखों रुपये की मरम्मत करवाने के बाद भी थोड़ी सी बरसात में टपकने लगती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 02:58 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:58 PM (IST)
सिविल अस्पताल सरकाघाट खुद बीमार
सिविल अस्पताल सरकाघाट खुद बीमार

संवाद सहयोगी, सरकाघाट : नागरिक अस्पताल सरकाघाट में चिकित्सकों के आठ पद रिक्त हैं। ये पद कई वर्ष से रिक्त हैं। इस कारण यह रेफरल अस्पताल बन कर गया है। चार हलकों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने वाले इस अस्पताल में कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है, जिसका खमियाजा यहां आने वाले रोगियों को भुगतना पड़ता है।

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अस्पताल का इनडोर भवन करीब 50 वर्ष पुराना है और इसकी टीन की छत लाखों रुपये की मरम्मत करवाने के बाद भी थोड़ी सी बारिश के बाद टपकने लगती है। अस्पताल में गायनी, एनस्थीसिया, आंख, नाक, कान और गले के विशेषज्ञ डाक्टरों के पद रिक्त हैं और इनकी ओपीडी के बाहर ताले लटके हुए हैं। लोगों को अपनी गंभीर बीमारी का इलाज करवाने के लिए हमीरपुर या मंडी का रुख करना पड़ता है। प्रदेश सरकार की तरफ से इस अस्पताल को 100 बिस्तर की स्वीकृति प्रदान की गई है, लेकिन व्यवहारिक रूप से मात्र 70 से 80 बिस्तर ही लगे हुए हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह ने इस अस्पताल को सरकाघाट दौरे के समय 200 बिस्तर करने की घोषणा की थी। यह मात्र घोषणा ही साबित हुई है। पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल ¨सह ने यहां 11 करोड़ 44 लाख के नए भवन की आधारशिला रखी थी और विधानसभा चुनाव से पहले इस भवन की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन को समतल बनाने का काम भी शुरू हो गया था, लेकिन अब यह काम भी बंद पड़ा है तथा जो मिट्टी खोदी गई है उसकी धूल के गुबार भी अस्पताल के अंदर पहुंच जाते हैं। 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने यहां मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। वह भी मात्र घोषणा तक ही सीमित रही। लोग अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

क्षेत्र के सीएम वर्मा, रामलाल गुप्ता, नगर सुधार समिति के अध्यक्ष सोहन लाल गुप्ता सहित अन्य लोगों ने अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की है और अस्पताल के भवन निर्माण कार्य को गति देने का भी अनुरोध किया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने बारे प्रदेश सरकार से अनुरोध किया गया है तथा भवन निर्माण कार्य को शीघ्र आरंभ किया जाएगा।


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