फोरलेन निर्माण कंपनी के खिलाफ मजदूरों ने खेला मोर्चा
नागचला से पंडोह के बीच फोरलेन का काम कर रही केएमसी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किए जा रहे मजदूरों के उत्पीड़न को लेकर सीटू से संबंधित हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण सड़क का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को एडीएम राजीव कुमार से मिला। उन्हें अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। सीटू के जिला सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि केएमसी कंपनी कई माह से मजदूरों का उत्पीड़न और श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही है। अब तक किसी भी मजदूर को न नियुक्तिपत्र दिए हैं, न किसी प्रकार का पहचानपत्र व उपस्थिति कार्ड जारी किया है जिस कैंप में कंपनी ने मजदूरों को ठहराया है। उस कैंप की हालत दयनीय है। वह ठहरने के काबिल नहीं है। इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मजदूरों को सीलन भरे कैंप में ठहरने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मंडी : नागचला से पंडोह के बीच फोरलेन का काम कर रही केएमसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीटू से संबंधित हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को एडीएम राजीव कुमार से मिला व मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। सीटू के जिला सचिव राजेश शर्मा ने कहा केएमसी कंपनी कई माह से मजदूरों का उत्पीड़न और श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही है। अब तक किसी भी मजदूर को न तो नियुक्ति पत्र दिए हैं, न किसी प्रकार का पहचान पत्र व उपस्थिति कार्ड जारी किया है, जिस कैंप में कंपनी ने मजदूरों को ठहराया है उसकी हालत दयनीय है। कड़ाके की ठंड में मजदूरों को सीलन भरे कैंप में ठहरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कंपनी कभी भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं करती और अब भी दो माह का वेतन बकाया है। सितंबर का वेतन कंपनी ने दिवाली के बाद दिया। मजदूरों का ईपीएफ कानूनी ढंग से न काटकर मनमाने ढंग से काट रही है। किसी भी मजदूर को ईपीएफ नंबर जारी नहीं किया गया है। यूनियन ने कई बार केएमसी कंपनी और एनएचएआइ को ज्ञापन सौंपकर मजदूरों की मांगों को मानने का अनुरोध किया। लेकिन कंपनी ने इन सब मांगों को अनसुना किया। श्रम निरीक्षक मंडी के पास समझौता वार्ता हुई। कंपनी ने माना की सारी मांगों को लागू कर देंगे। लेकिन इस दिशा में अब तक कुछ नहीं हुआ। 29 नवंबर को श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने शिमला में समझौता वार्ता के लिए बुलाया है।
समझौता वार्ता जब चल रही है इस दौरान किसी भी सेवा शर्त में बदलाव नहीं किया जा सकता है। मजदूरों का दूसरे राज्यों में किसी भी ढंग से तबादला नहीं किया जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम से आग्रह किया कि कंपनी और एनएचएआइ को निर्देश देकर श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित करवाएं, अन्यथा यूनियन आंदोलन करने को मजबूर होगी।