कामधेनु गौसदन बंद, मैगल शिफ्ट किए गए पशु
सुरेंद्र शर्मा मंडी जिला में काउ सेंक्चुअरी के धरातल पर नहीं उतरने से गौसदनों पर बेसह
सुरेंद्र शर्मा, मंडी
जिला में काउ सेंक्चुअरी के धरातल पर नहीं उतरने से गौसदनों पर बेसहारा पशुओं का बोझ बढ़ गया है। क्षमता से अधिक बेसहारा पशुओं को आश्रय देने से गौसदनों का संचालन करने वाली प्रबंधन समितियों ने आर्थिक तंगी के चलते हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। रिवालसर क्षेत्र के घौड़ में कामधेनु गौसदन का संचालन करने वाली समिति ने तो गौसदन बंद कर दिया है। गौवंश को मैगल व अन्य गौसदनों में शिफ्ट कर दिया गया है। मंडी शहर से बेसहारा गौवंश को भी पकड़ कर मैगल में भेजा गया है।
जिला में नेरचौक, मैगल, सुंदरनगर, ढली, भांबला, करसोग के पांगणा, जोगेंद्रनगर भराड़ू, जंजैहली, बल्ह के नेरढांगू, राजगढ़ समेत अन्य क्षेत्रों में 24 गौ सदन इन दिनों बेसहारा पशुओं से पैक हो गए हैं। 50 से साढ़े तीन सौ गौवंश की क्षमता वाले 24 गौसदनों में गौवंश का आंकड़ा पैंतीस सौ के पार पहुंच गया है। सड़कों पर बेसहारा गौवंश की तादाद बढ़ लगी है। प्रदेश सरकार ने जिला की सड़कों को जनवरी 2022 तक बेसहारा पशुओं से मुक्त करने की घोषणा की है, लेकिन यह तभी संभव है जब जिला में विस्तृत भूभाग में काउ सेंक्चुअरी का निर्माण किया जाए। काउ सेंक्चुअरी का निर्माण अन्य जिलों में तो हो रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में काउ सेंक्चुअरी धरातल पर नहीं उतर रही है। चार साल से जिला में काउ सेंक्चुअरी के लिए अदद जमीन तक नहीं मिल पाई है। पहले मुरारी धार में इसके लिए साइट का चयन किया गया लेकिन वन मंत्रालय से जमीन हस्तांतरित नहीं हो पाई। इसके बाद जिला में इसके लिए अन्य साइट देखने का कार्य चल रहा है। काउ सेंक्चुअरी का निर्माण न होने से जिला में गौ सदन पैक हो गए हैं। बेसहारा पशुओं की लगातार बढ़ रही तादाद से गौसदनों में स्थान का अभाव हो गया है। जिला में काउ सेंक्चुअरी का निर्माण अति आवश्यक हो गया है। गौसदन बेसहारा पशुओं से अब पूरी तरह पैक हो गए हैं।
-एमएल पटियाल, महासचिव, मैगल गौ सदन बल्ह के नेर ढांगू व गौहर में दो साइट चिह्नित की गई हैं। यहां पर भी पशुपालन विभाग उतनी ही जमीन का अधिग्रहण करेगा जिसमें बेसहारा पशुओं के लिए शेड का निर्माण किया जा सके। पशुपालन विभाग ने एसडीएम बल्ह से चिह्नित साइट के संयुक्त निरीक्षण के लिए पत्राचार किया है।
-संजय नड्डा, उप निदेशक पशुपालन विभाग मंडी।