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हरित गृह मजबूत कर रहे आर्थिक आधार

प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत गोहर के कांढा व ज्

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 04:10 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 04:10 PM (IST)
हरित गृह मजबूत कर रहे आर्थिक आधार
हरित गृह मजबूत कर रहे आर्थिक आधार

मृगेंद्र पाल, गोहर

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प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत गोहर के कांढा व ज्यूणी वैली में हरित गृहों में सूक्ष्म सिचाई सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है। सभी किसानों को हरित गृहों में बेमौसमी सब्जियों व वैज्ञानिक तरीके से पनीरी का उत्पादन करके काफी फायदा मिल रहा है और इससे उनकी आर्थिकी मजबूत हो रही है।

जिला परियोजना प्रबंधक मंडी डॉ. नवनीत सूद ने बताया कि परियोजना के सभी किसानों को पनीरी लगाने व हरित गृहों में अन्य सब्जियां उगाने के लिए समय-समय पर जाईका के प्रसार अधिकारियों की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी लगाए जाते हैं। इसमें किसानों को सब्जी उत्पादन के नए व आधुनिक तरीकों से अवगत करवाया जाता है। सब्जियों में बीमारियों व कीड़ों से बचाव की विधि बताई जाती है।

किसानों का कहना है कि पहले हरित गृहों के न होने की वजह से वे प्याज व गोभी की पनीरी खुले खेतों में लगाते थे। इससे या तो पनीरी खराब हो जाती थी या फिर उत्पादन उतना अच्छा नहीं हो पाता था। हरित गृहों के निर्माण सें वे फसल लगने से पहले उच्च गुणवत्ता की पनीरी का उत्पादन कर पा रहे हैं। खीरा, टमाटर व शिमला मिर्च से काफी मुनाफा कमा रहे हैं। इस समय किसानों ने अपने हरित गृहों में प्याज, शिमला मिर्च व गोभी की पनीरी लगाई है। इस पनीरी को बेचकर किसान काफी मुनाफा कमा रहे हैं।

इनकों मिला परियोजना का लाभ

उठाऊ सिचाई उप परियोजना धरव्याणी के एक किसान करतार सिंह, करारी कंडोल के किसान राजेंद्र कुमार और चलाहड़ गुलाड़ के कन्हैया लाल ने पिछले खरीफ मौसम में हरित गृह में फसलें लगाकर हजारों रुपये कमाए हैं। परियोजनाओं के किसानों को संरक्षित खेती करते हुए देखकर परियोजना के बाहर के किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है और वे लोग भी बेमौसमी सब्जियां लगाने की ओर प्रेरित हो रहे हैं।


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