जस्सल को 10 साल से नहीं मिला चिकित्सक
कुलभूषण वर्मा करसोग प्रदेश सरकार के लोगों को घरद्वार पर चिकित्सा सुविधा देने के दावे ज
कुलभूषण वर्मा, करसोग
प्रदेश सरकार के लोगों को घरद्वार पर चिकित्सा सुविधा देने के दावे जस्सल गांव में सार्थक नहीं हो पाए हैं। 40 से 45 साल पहले जसस्ल में खोली गई आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में जुलाई 2012 से डाक्टर का पद खाली है। लोगों को उपचार के लिए तीन घंटे का सफर कर सुन्नी अस्पताल पहुंचना पड़ता है।
जस्सल अस्पताल पर सांवीधार, बंदली, बड़ेयोग, घुंधन, चटकर, रौडीधार, बरकैणों, साहज, पनेतू, सेरी, अलयास,जमोधार, पिपली, पट्टी, चनयाणा व शरण आदि गांव की करीब चार हजार लोग निर्भर हैं, लेकिन चिकित्सक न होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। जनता को समय और पैसा बर्बाद करके महंगे इलाज के लिए मजबूर है। स्थानीय लोग कई मंचों के माध्यम से सरकार से चिकित्सक के खाली पद को भरने की मांग कर चुकी है, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया। ऐसे में स्थानीय जनता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से तुरंत प्रभाव से मामले पर संज्ञान लेते हुए जसस्ल में पद भरने का आग्रह किया है।
युवक मंडल के जस्सल के प्रधान कुलभूषण वर्मा का कहना है कि आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी जसस्ल में 10 सालों से डाक्टर का पद खाली है। इस कारण स्थानीय जनता को इलाज करवाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द डाक्टर के खाली पद भरने की मांग की है।
उधर, आयुष विभाग के उपनिदेशक शाम सुंदर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में अभी डाक्टरों की कमी है। फिर में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर सप्ताह में तीन दिन के लिए नजदीकी डिस्पेंसरी से डाक्टर भेजा जाएगा। इस बारे में तुरंत प्रभाव से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।