नेरचौक में जून से होगी कोरोना समेत अन्य वायरस की जीनोम सीक्वेंसिग
जागरण संवाददाता मंडी नेरचौक मेडिकल कालेज में कोरोना समेत अन्य वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग
जागरण संवाददाता, मंडी : नेरचौक मेडिकल कालेज में कोरोना समेत अन्य वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग जून से शुरू हो सकती है। वीरवार को यूएसएड राइज कंपनी की ओर से डा. रूना शामिम ने लैब का जायजा लिया। उन्होंने इसे मानकों के अनुरूप पाया है।
नेरचौक मेडिकल कालेज में डेढ़ करोड़ से जीनोम सीक्वेंसिंग लैब स्थापित की जा रही है। हिमाचल में अभी जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा नहीं है। कोरोना के ओमिक्रोन वैरियंट का पता लगाने के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जाते थे। उसी समय मंडी में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू करने की घोषणा हुई थी। लैब की कुछ मशीनरी पहुंच चुकी है तथा शेष जल्द आएगी।
मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलाजी की विभागाध्यक्ष डा. एसए गंजू ने बताया कि टीम ने लैब को सही पाया है। टीम को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। क्या है जीनोम सीक्वेंसिग
जीनोम सीक्वेंसिग में किसी भी वायरस के डीएनए या आरएनए की जांच की जाती है। इससे से पता चलता है कि वायरस कैसे हमला करता है और यह कितना प्रभावशाली है। इससे इलाज जल्द मिलने में सुविधा रहती है। मेडिकल कालेज में खुल रही जीनोम सीक्वेंसिग लैब के लिए वीरवार को टीम ने दौरा किया है। हमारा प्रयास है कि अगले माह तक इसे शुरू कर दिया जाए।
-डा. राजेश भवानी प्रधानाचार्य नेरचौक मेडिकल कालेज।