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पीला रतुआ से 30 फीसद लहसुन की फसल तबाह

फोटो सहित संवाद सहयोगी कुल्लू जिला में लहसुन की फसल को लगा पीला रतुआ रोग ने उत्पादकों

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 04:38 PM (IST)
पीला रतुआ से 30 फीसद लहसुन की फसल तबाह
पीला रतुआ से 30 फीसद लहसुन की फसल तबाह

फोटो सहित

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संवाद सहयोगी, कुल्लू : जिला में लहसुन की फसल को लगा पीला रतुआ रोग ने उत्पादकों की चिता बढ़ा दी है। किसानों के मुताबिक अभी तक करीब चार से पांच बार दवाइयों का छिड़काव किया जा चुका है, लेकिन उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिला है। जिला के लगवैली, बदाह, शमशी, सैंज, बंजार, आनी के खनाग में सबसे ज्यादा पीला रतुआ बीमारी ने लगभग 30 प्रतिशत फसल को तबाह कर दिया है। पीला रतुआ रोग के कारण लहसुन के पौधे पहले ही पीले पड़ चुके हैं और वह अब धीरे-धीरे सूखने लगे हैं। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक खराब मौसम के बाद एकाएक तापमान बढ़ने से फसल पर इस रोग ने हमला किया है। इससे कई हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी लहसुन की फसल पीली होकर सूखने लगी है। अभी फसल को तैयार होने में समय है। बता दें कि जिला में लगभग 1700 हेक्टेयर क्षेत्र में लहसुन की खेती होती है। औसतन प्रति हेक्टेयर 60 से 70 क्िवटल उत्पादन होता आया है, लेकिन बीमारी की चपेट में आने से इस बार किसानों ने उम्मीद ही छोड़ दी है। जिला कुल्लू घाटी के किसान प्रेम सिंह राणा, रामस्वरुप, पूर्ण चंद, उगम राम आदि का कहना है की सभी ग्रामीणों की लहसुन की फसल पीला रतुआ जैसी भयंकर बीमारी की चपेट आ गई है। ग्रामीणों की सरकार व प्रशासन से मांग है की जल्द से जल्द विषय विशेषज्ञों की एक टीम कुल्लू आनी, बंजार, खासकर ग्राम पंचायत खनाग का जल्द निरीक्षण करके किसानों को उचित दवाइयां और कीटनाशक प्रदान करें, ताकि लोगों के लाखों के नुक्सान को काम किया जा सके। उधर इस मामले को लेकर कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजपाल शर्मा ने बताया कि किसान फसल में डायथेन 2.5 ग्राम एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़क सकते हैं। एक सप्ताह के बाद कपेंनिन दवाई 500 ग्राम 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें तथा 15 दिन बाद स्कोर दवाई 30 एमएल सौ लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।


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