कांगणीधार में अनाज मंडी की बड़ी बाधा दूर
संवाद सहयोगी मंडी शहर के साथ कांगणीधार में अनाज मंडी निर्माण की सबसे बड़ी बाधा दूर ह
संवाद सहयोगी, मंडी : शहर के साथ कांगणीधार में अनाज मंडी निर्माण की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कृषि निदेशालय के नाम जमीन हस्तांतरित करने के लिए अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी है। बहुत जल्द साइट में पेड़ काटकर इसे समतल किया जाएगा। इसके लिए जल्दी टेंडर जारी किए जाएंगे। संभवतया शिवरात्रि मेले के शुभारंभ मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जिला की पहली अनाज मंडी का शिलान्यास करेंगे। 14 करोड़ की लागत से अनाज मंडी तैयार होगी।
अनाज का कारोबार करने वाले कारोबारियों की बढ़ती तादात के कारण शहर में स्थान का अभाव हो गया है। शहर के कारोबारी अब छोटी-छोटी दुकानों तक ही सीमित होकर रह गए हैं। अन्य राज्यों से अनाज दालें आदि शहर में पहुंचाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कारोबारियों के पास गोदाम तक की व्यवस्था भी नहीं है। छोटी-छोटी दुकानों में ही कारोबारी अपना काम धंधा करने को मजबूर हैं। समस्या के स्थायी समाधान के लिए कांगणीधार में अलग तरह की अनाज मंडी का निर्माण किया जा रहा है। इस अनाज मंडी में कारोबारी कारोबार करने के साथ अपने गोदाम की व्यवस्था भी कर सकेंगे। 1.62 हेक्टेयर वन भूमि को कृषि निदेशालय के नाम करने के लिए केस बना कर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। वन विभाग के मंडी में तैनात अरण्यपाल एसके मुसाफिर ने कांगणीधार में सब्जी मंडी बनाने के लिए वन भूमि हस्तांतरित करने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से फाइनल अप्रूवल मिलने की पुष्टि की है।
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14 करोड़ की लागत से बनने वाली अनाज मंडी के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद अब पेड़ कटान व भूमि को समतल करने के लिए 1.67 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया जा रहा है। जल्द अनाज मंडी का शिलान्यास किया जाएगा।
राघव सूद, सचिव कृषि उपज एवं विनियमित सब्जी मंडी।