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भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही नवाया शीश

जागरण संवाददाता मंडी सावन के सोमवार में पहली दफा शिवालयों के कपाट बंद रहे। कोरोना

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 07:35 PM (IST)
भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही नवाया शीश
भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही नवाया शीश

जागरण संवाददाता, मंडी : सावन के सोमवार में पहली दफा शिवालयों के कपाट बंद रहे। कोरोना के कारण वर्षों पुरानी परंपरा सोमवार को टूट गई। मंदिर के कपाट बंद के कारण लोगों ने बाहर से ही शीश नवाकर भगवान शिव से आशीर्वाद लिया। शहर में स्थित भूतनाथ मंदिर, महामृत्युंजय, त्रिलोकनाथ मंदिर बंद रहे।

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सावन के पहले सोमवार के चलते हर साल मंदिरों में भरी भीड़ होती थी। सावन में भगवान शिव की पूजा करने से मुश्किलें हल होती हैं और मनोकामना भी पूरी होती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बंद किए गए मंदिरों के द्वार जिला मंडी में ही बंद रहे। लोग सुबह भूतनाथ मंदिर पहुंच गए, लेकिन द्वार बंद होने के कारण बाहर से ही माथा टेककर चले गए। इसी तरह त्रिलोकीनाथ और महामृत्युंजय मंदिर में भी हुआ।

पुजारियों की मानें तो प्रशासन की ओर से उनको मंदिर खोलने के लिए कोई सूचना नहीं मिली है। अधिकारियों की मानें तो मंदिरों को खोलने के लिए सरकार की ओर से नियम बनाए जाने हैं, लेकिन अभी तक कोई आदेश इस बाबत नहीं मिले हैं। आगामी आदेश तक मंदिरों के कपाट बंद ही रहेंगे।

उधर, एडीएम श्रवण मांटा ने बताया कि मंदिरों को खोलने के लिए नियम सरकार ने तय करने है इसके बावत अभी कोई आदेश नहीं आए हैं।

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सुबह मंदिर गया था, लेकिन द्वार बंद होने के कारण बाहर से माथा टेककर लौट आए। घर पर ही पूजा पाठ किया है।

-गोपाल शर्मा, निवासी मंडी।

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कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर बंद रखने का फैसला लोगों की सुरक्षा के लिए लिया गया है। लोग ार पर ही पूजा करें। भगवान दिल में होते हैं।

-पीयूष शर्मा, निवासी देवधार।

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सावन माह में भगवान शिव के व्रत करती हूं। लेकिन इस बार मंदिर बंद होने के कारण पुजारी जी की बताई विधि के अनुसार घर पर ही पूजा कर रही हूं।

-दीपिका, निवासी पुरानी मंडी।

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घर पर ही करें पूजा

सावन माह में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। मंदिर अगर बंद है तो लोग अपने घरों पर भी पूजा कर सकते हैं। इसके लिए दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, पान सुपारी, चंदन चावल और काले तिल के मिश्रण से भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही महामत्युंजय मंत्र का जाप करें।

-दयानंद सरस्वती, पुजारी, भूतनाथ मंदिर।


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