नकली नोट मामले में आरोपितों की महिला मित्र बनी सरकारी गवाह
चरस की खेप खरीदने के लिए अंकित पांच माह में दूसरी बार मलाणा गया था।
जागरण संवाददाता, मंडी : नकली नोट से चरस खरीदने के मामले में रोहतक के चार आरोपित छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके साथ कसोल घूमने आई महिला मित्र अब सरकारी गवाह बन गई है। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष उसके बयान दर्ज करवा लिए हैं। वहीं, शुक्रवार को मलाणा व कसोल में निशानदेही करवाने के बाद पुलिस दोनों आरोपित अंकित व चाणक्य को वापस गोहर ले आई है।
चरस की खेप खरीदने के लिए अंकित पांच माह में दूसरी बार मलाणा गया था। पहली बार वह दिसंबर 2017 में मलाणा आया था। वह कसोल में जिस गेस्ट हाउस में ठहरा था, उसके मालिक ने इस बात की पुष्टि की है। दिसंबर में वह अपने तीन दोस्तों के साथ आया था। उस दौरान वह कसोल में दो दिन रुका था। दोनों दिन अलग-अलग गेस्ट हाउस में ठहरा था। इसी दौरान उसका परिचय मलाणा के देवा व भूत उर्फ किशन से हुआ था। उसने दोनों के मोबाइल नंबर लिए थे। उसके तीनों दोस्त उस समय देवा व भूत से चरस की खेप खरीदकर ले गए थे। नकली नोट छापकर चरस तस्करी से रातों-रात अमीर बनने का आइडिया अंकित ने ही अपने दोस्त परवेज, विक्रांत व चाणक्य को दिया था। 11 व 12 अप्रैल को रोहतक के एक फ्लैट में करीब छह लाख के नकली नोट छापे थे। अगले ही दिन 13 अप्रैल को चरस की खेप खरीदने के लिए कसोल पहुंच गए थे। चारों आरोपितों के साथ उनकी एक महिला मित्र भी आई थी। पांचो कसोल के एक गेस्ट हाउस में ठहरे थे। अंकित ने देवा व भूत से रात को मोबाइल फोन पर संपर्क किया था। अगले दिन सुबह यानी 14 अप्रैल को मलाणा पहुंचकर चरस की खेप खरीदी थी। देवा व भूत को छह लाख के नकली नोट दिए थे। डीएसपी मुख्यालय हितेश लखनपाल ने अंकित के पांच माह में दूसरी बार मलाणा जाने की पुष्टि की है।
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पहले तीन अन्य दोस्तों के साथ कसोल आया था अंकित :
दिसंबर में जब अंकित मलाणा आया था तो तब उसके साथ तीन कोई और दोस्त थे। उन्हीं की देखादेखी में अंकित ने चरस तस्करी के गोरखधंधे में उतर गया। अंकित के पिता हरियाणा पुलिस से कुछ माह पहले सब इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।